मुख्य समाचार
मप्र : सिख दंगा पीड़ितों से संबंधित योजना बंद होगी
भोपाल| मध्यप्रदेश सरकार ने वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों के सात जिलों के प्रभावितों के लिए 791,90,000 रुपये से ज्यादा की राशि का भुगतान कर इस योजना को बंद करने का निर्णय लिया है। आधिकारिक तौर पर जारी जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री शिवराज सिह चौहान की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में दंगा प्रभावितों को राहत राशि देने का निर्णय लिया गया है।
निर्णय के मुताबिक, वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों में सात जिलों -जबलपुर, इंदौर, दमोह, देवास, बैतूल, शिवपुरी और डिंडौरी- से प्रभावितों के प्राप्त दावों के संबंधों में उपलब्ध कराए गए अभिलेखों के आधार पर 791,90,387 रुपये की राशि का भुगतान किया जाएगा और उसके बाद योजना बंद कर दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि दंगा प्रभावित लोगों के संपत्ति नुकसान के मुआवजे वर्षो से लंबित थे। बयान के अनुसार, मंत्रिपरिषद ने निर्णय लिया है कि राज्य के विकास में नागरिकों तथा सरकार के बीच डिजिटल साझेदारी के निर्माण के लिए ‘मेरा मध्यप्रदेश’ पोर्टल बनेगा। सूचना प्रौद्योगिकी के सहयोग से पोर्टल नागरिकों और सरकार के बीच सुझाव और संवाद स्थापित करेगा।
बयान के अनुसार, मंत्रिपरिषद ने नई दिल्ली स्थित मध्यप्रदेश भवन को विघटित कर नए भवन का निर्माण कराने के लिए 71 करोड़ 47 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी है। नए भवन का निर्माण मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम के माध्यम से होगा।
मंत्रिपरिषद ने मध्यप्रदेश राज्य सहकारी तिलहन उत्पादन संघ के कर्मचारियों के राज्य शासन के विभिन्न विभागों में संविलियन की योजना की समय-सीमा 10 नवंबर, 2016 तक बढ़ा दी है। प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ 112 और तिलहन संघ में पदस्थ 366 यानी कुल 478 सेवायुक्तों का संविलियन किया जाना है।
नेशनल
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता व ग्वालियर राज घराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया है। उनका इलाज पिछले दो महीनों से दिल्ली के एम्स में चल रहा था। आज सुबह 9.28 बजे उन्होंने दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली।
हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया था कि, राजमाता माधवी राजे को सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें 15 फरवरी को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। इसी साल 6 मार्च को भी उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। उस समय भी उनकी हालत नाजुक थी और उनको लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम पर रखा गया था।
पहली बार 15 फरवरी को माधवी राजे की तबीयत बिगड़ी थी, उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उसके बाद से ही उनकी हालत नाजुक बनी हुई थे। वे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थीं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुछ समय पहले यह जानकारी शेयर की थी।
नेपाल राजघराने से माधवीराजे सिंधिया का संबंध है। उनके दादा शमशेर जंग बहादुर राणा नेपाल के प्रधानमंत्री थे। कांग्रेस के दिग्गज नेता माधवराव सिंधिया के साथ माधवी राजे के विवाह से पहले प्रिंसेस किरण राज्यलक्ष्मी देवी उनका नाम था। साल 1966 में माधवराव सिंधिया के साथ उनका विवाह हुआ था। मराठी परंपरा के मुताबिक शादी के बाद उनका नाम बदलकर माधवीराजे सिंधिया रखा गया था। पहले वे महारानी थीं, लेकिन 30 सितंबर 2001 को उनके पति और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया के निधन के बाद से उन्हें राजमाता के नाम से संबोधित किया जाने लगा।
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