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भारत, दक्षिण कोरिया ने की आर्थिक साझेदारी में प्रगति की समीक्षा

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भारत

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भारतवियनतियाने| भारत और दक्षिण कोरिया ने गुरुवार को यहां व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते में हुई प्रगति की समीक्षा की। यह समीक्षा यहां 14वें भारत-आसियान शिखर सम्मेलन तथा 11वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क ग्युन-हे की मुलाकात के दौरान की गई।

इस बैठक के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, “दोनों नेताओं ने भारत-दक्षिण कोरिया व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) को बेहतर बनाने के लिए आपसी वार्ता प्रक्रिया की समीक्षा की। बैठक के दौरान दक्षिण कोरिया द्वारा घोषित भारत में बुनियादी ढांचा विकास पर 10 अरब डॉलर के वित्तीय पैकेज पर भी चर्चा हुई।”

स्वरूप ने कहा, “दोनों देशों के एक्जिम बैंक पैकेज के इस्तेमाल के तरीकों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं।” इस मुलाकात के दौरान जहां मोदी ने पिछले साल मई के अपने दक्षिण कोरिया दौरे को यादगार बताया, वहीं राष्ट्रपति पार्क ने कहा कि भारत प्रधानमंत्री के सक्रिय नेतृत्व की वजह से ही प्रगति कर रहा है।

स्वरूप ने कहा, “पार्क ने भारत की आर्थिक विकास रणनीति के लिए मोदी की सराहना की, जिसकी वजह से वैश्विक मंदी के बावजूद देश में विकास दर सात प्रतिशत से अधिक रही।” उन्होंने कहा, “दोनों नेताओं ने रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा भी की, जिसे प्रधानमंत्री मोदी के दक्षिण कोरिया दौरे के दौरान उन्नत कर विशेष रणनीतिक साझेदारी स्तर का किया जा चुका है।”

दोनों नेताओं ने लोकतंत्र व मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था पर प्रतिबद्धता जताई। स्वरूप ने कहा, “राष्ट्रपति पार्क ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किए गए कोरिया प्लस कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे कोरियाई कंपनियों का भारत में निवेश बढ़ेगा।” दोनों नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ और समुद्री सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्र में विकास को लेकर भी सहयोग जताया।

स्वरूप के अनुसार, मोदी ने पार्क को भारत दौरे का आमंत्रण दिया। इससे पहले मोदी ने लाओस के अपने समकक्ष थोंगलाउन सिसोउलिथ से मुलाकात की। उनकी अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा, म्यांमार की स्टेट काउंसलर व विदेश मंत्री आंग सान सू की से भी मुलाकात हुई।

भारत-आसियान शिखर सम्मेलन में गुरुवार को 10 दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों- इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, ब्रुनेई, कंबोडिया, लाओस, म्यांमार, वियतनाम और थाईलैंड के नेताओं ने हिस्सा लिया। वहीं, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में 10 आसियान देशों के नेताओं के अतिरिक्त भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका और रूस के नेता हिस्सा ले रहे हैं।

नेशनल

पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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