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मनोरंजन

शार्ट फिल्मोंं को बनाएंगे समाज की आवाजः डा. अब्बास

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साहित्यर समाज का दर्पण, शार्ट फिल्मोंन, डा. एस.अब्‍बास, जिंदगी अनलिमिटेड, प्यापर का अफसाना, अभिनेत्री प्रियंका गुप्ता , विपिन अग्निहोत्री

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साहित्यर समाज का दर्पण, शार्ट फिल्मोंन, डा. एस.अब्‍बास, जिंदगी अनलिमिटेड, प्यापर का अफसाना, अभिनेत्री प्रियंका गुप्ता , विपिन अग्निहोत्री

dr. s.Abbas

लखनऊ। कहा जाता है साहित्‍य समाज का दर्पण है और फिल्‍में या चलचित्र अभिव्‍यक्ति का सबसे सशक्‍त माध्‍यम। इसी सशक्‍त माध्‍यम के जरिये तमाम फिल्‍मकारों व साहित्‍यकारों ने समाज की वेदना को सेल्‍युलाइड पर उतारा। फिल्‍मों ने आम जीवन को मनोरंजन देने के साथ-साथ समाज की बुराइयों के खिलाफ लड़ने के लिए भी प्रेरित किया। आज के तेजी से बदलते परिवेश व तकनीकी में दिन-प्रतिदिन होने वाले परिवर्तन ने फिल्‍मकारों व साहित्‍यकारों को भी अलग ढंग से फिल्‍में बनाने को बाध्‍य कर दिया।

आज की भागमभाग वाली जिंदगी में जब लोगों के पास समय का निरंतर अभाव होता जा रहा है, ऐसे में ढाई या तीन घंटे की फिल्‍म के सामने विकल्‍प के तौर पर शार्ट या लघु फिल्‍मों का दौर आता जा रहा है। इसी क्रम में उत्‍तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के फिल्‍मकार डा. एस.अब्‍बास ने शार्ट फिल्‍मों के माध्‍यम से लोगों का मनोरंजन करने के साथ-साथ सामाजिक विषयों को भी अपनी फिल्‍मों के जरिये उठाने का निश्‍चय किया है।

फिल्‍म इंडिया कम्‍युनिकेशन के एमडी डा.अब्‍बास का कहना है कि आखिर हिंदी भाषी फिल्‍में लखनऊ या यूपी के अन्‍य लोकेशनों पर क्‍यों नहीं बन सकती? डा. अब्‍बास का सपना इन शार्ट फिल्‍मों के निर्माण के माध्‍यम से प्रदेश के ही कलाकारों को रोजगार देकर यूपी सरकार की फिल्‍म नीति को बढ़ावा देने का है।

डा. अब्‍बास कहते हैं कि जब यहीं का कलाकार मुंबई या अन्‍य जगहों पर जाकर अच्‍छा काम करके पैसा व नाम दोनों कमा सकता है तो इन्‍हीं कलाकारों को यदि हम अपनी माटी से जोड़कर उनकी कला का लाभ अपने ही क्षेत्र को लोगों को दे सकें तो इससे अच्‍छा भला और क्‍या हो सकता है। आखिर अपना घर-परिवार छोड़कर कौन जाना चाहता है?

अभी तक जिंदगी अनलिमिटेड (27 मिनट)प्‍यार का अफसाना (सात मिनट) जैसी दो शार्ट फिल्‍में बना चुके डा. अब्‍बास की 30 शार्ट फिल्‍में बनाने की योजना है। इन फिल्‍मों में नायिका के रूप में बहुमुखी प्रतिभा की धनी नवोदित अभिनेत्री प्रियंका गुप्‍ता ने काम किया है। प्रियंका इसके अलावा सुराग नाम की फिल्‍म में भी काम कर चुकी हैं। बॉलीवुड में तेजी से अपनी जगह बनाती प्रियंका की प्रतिभा इन शार्ट फिल्‍मों में उभर कर सामने आई है।

फिल्‍म के निर्देशक विपिन अग्निहोत्री का कहना है कि हम लोग चाहते हैं कि ‍उप्र के कलाकार रोजी-रोटी के लिए यहां से पलायन न करें। उप्र की धरती ने बहुत से महान कलाकारों को जन्‍म दिया है लेकिन उनकी प्रतिभा को मुंबई या अन्‍य दूसरी जगहों पर ही पहचान मिली। हमारा उद्देश्‍य है कि यहां के कलाकारों को यहीं पर एक मुकाम व पहचान दोनों मिले।

डा. अब्‍बास और विपिन अग्निहोत्री ने अपनी भविष्‍य की योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आने वाले दिनों में हम तमाम सामाजिक मुद्दों जैसे बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, भूण लिंग जांच निषेध, दहेज प्रथा, भिखारियों की समाज में स्थिति, पुलिस महकमें में भ्रष्‍टाचार आदि पर शार्ट फिल्‍म निर्माण का इरादा रखते हैं।

प्रादेशिक

धनबाद में बॉलीवुड एक्टर पंकज त्रिपाठी के जीजा की सड़क हादसे में मौत, बहन की हालत गंभीर

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धनबाद। बॉलीवुड एक्टर पकंज त्रिपाठी के जीजा राकेश तिवारी की एक सड़क हादसे में मौत हो गई है। वहीं उनकी बहन की हालत गंभीर है जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।.हादसा बेहद भीषण था जिसमें उनकी कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई है। ये एक्सिडेंट शनिवार की शाम करीब चार बजे धनबाद जिले के निरसा चौक के पास हुआ है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राकेश तिवारी पत्नी सरिता तिवारी के साथ अपनी कार से धनबाद से कोलकाता जा रहे थे। चश्मदीदों के मुताबिक कार तेज रफ्तार में थी। निरसा चौक पर एक ऑटो को बचाने के चक्कर में कार अनियंत्रित हो गई और डिवाइडर से टकरा गई। इसमें कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है।

हादसे में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए थे। स्थानीय लोगों की मदद से एंबुलेस से धनबाद एसएनएमएमसीएच भेज दिया गया था। यहां राकेश तिवारी की इलाज के दौरान मौत हो गई। हालांकि, उनकी पत्नी की हालत गंभीर बनी हुई है. हादसे की खबर पाकर पंकज त्रिपाठी मुंबई से कोलकाता एयरपोर्ट उतरकर निजी कार से धनबाद के लिए रवाना हो गए हैं।

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