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मुख्य समाचार

बिहार में बाढ़ से 30 लाख लोग प्रभावित, नदियों के जलस्तर में कमी

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जलस्तर

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जलस्तरपटना| बिहार के 12 जिलों में बाढ़ से तबाही का मंजर जारी है। गंगा नदी के जलस्तर में गुरुवार को मामूली कमी आई लेकिन यह अभी भी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इधर, पुनपुन और सोन नदी भी विभिन्न जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बिहार के 12 जिलों के 71 प्रखंडों के 1,866 गांव के 3,0़31 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। बाढ़ से अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है।

पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, गुरुवार को गंगा और सोन सहित सभी नदियों के जलस्तर में कमी आई है। पटना के गांधीघाट पर गंगा के जलस्तर में सुबह 10 बजे 50़13 मीटर दर्ज किया गया जो बुधवार को 50़19 मीटर था।

पटना, वैशाली, भोजपुर और सारण जिला के दियारा क्षेत्र (नदी किनारे मैदानी इलाके) बाढ़ से अधिक प्रभावित हैं।

आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों में लाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि अब तक लगभग 3.08 लाख लोगों को बाढ़ग्रस्त स्थान से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर लाया गया है जिनमें से 1़14 लाख लोगों को 274 राहत शिविरों में रखा गया है।

बाढ़ प्रभावित इलाकों में 1,918 नावों का परिचालन किया जा रहा है और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्यो में लगी हुई हैं।

बाढ़ नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त सहायक अभियंता विवेक कुमार ने गुरुवार को आईएएनएस को बताया कि इंद्रपुरी बैराज में सोन नदी का जलस्तर में तेजी से कमी दर्ज की गई है। सुबह 10 बजे इंद्रपुरी बैराज के पास सोन नदी का जलस्तर 1,78,563 क्यूसेक दर्ज किया गया।

गंगा नदी बक्सर, दीघा, गांधीघाट, हाथीदह, भागलपुर और कहलगांव में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जबकि बूढ़ी गंडक नदी खगड़िया में व घाघरा नदी गंगपुर सिसवन (सीवान) में और पुनपुन नदी श्रीपालपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

उल्लेखनीय है कि बिहार में गंगा नदी के उफान पर होने के कारण बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, बेगूसराय, समस्तीपुर, लखीसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर और कटिहार जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। बाढ़ का पानी धीरे-धीरे नए क्षेत्रों में भी प्रवेश कर रहा है।

आपदा प्रबंधन विभाग का दावा है कि बाढ़ से प्रभावित सभी जिलों में राहत और बचाव कार्य जारी है हालांकि कई बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों का आरोप है कि सरकार द्वारा राहत और बचाव कार्य नाकाफी है।

इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि राहत शिविरों में दिन और रात में भोजन के साथ ही सुबह के नाश्ते में चूड़ा व फूला हुआ चना देने की व्यवस्था की गई है।

कुछ शिविरों में सुबह के नाश्ते की व्यवस्था नहीं हो पाई थी, वहां उसका प्रबंध करने का निर्देश दिया गया है।

प्रादेशिक

मुंबई में बड़ा हादसा, तेज आंधी में 100 फीट ऊंचा होर्डिंग पेट्रोल पंप पर गिरा, 14 की मौत

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मुंबई। मुंबई में आंधी के बाद घाटकोपर में 100 फीट ऊंचा और 250 टन वजनी लोहे का होर्डिंग एक पेट्रोल पंप पर गिर जाने से इस हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई, जबकि 74 लोग घायल हो गए ।हादसे के फौरन बाद मुंबई पुलिस, फायर ब्रिगेड, SDRF ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। शुरुआत में होर्डिंग के नीचे 100 से ज्यादा लोगों के फंसे होने की खबर थी। धीरे-धीरे लोगों को निकाला जा रहा था। इसके बाद NDRF ने भी मोर्चा संभाला। एनडीआरएफ इंस्पेक्टर गौरव चौहान ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि ढहे हुए बिलबोर्ड के नीचे फंसे लोगों को बचाने के लिए खुदाई करने वालों ने मलबे को खोदा, जिसके बाद आठ शव पहले ही बरामद किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि चार और शव अभी भी मलबे के अंदर दबे हुए हैं।

उन्होंने कहा, ‘हमने उनका पता लगा लिया है, लेकिन इस पेट्रोल पंप के कारण हम उन्हें हटा नहीं सकते और स्थिति खतरनाक हो सकती है। इस बीच, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मुंबई के घाटकोपर में हुई घटना में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की और होर्डिंग गिरने से घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। दरअसल, मुंबई के घाटकोपर में सोमवार को भारी बारिश और तूफान के कारण 70 मीटर लंबा बिलबोर्ड गिर गया। घाटकोपर के चेड्डानगर जंक्शन में एक पेट्रोल पंप पर अवैध होर्डिंग गिरने से अब तक 14 लोगों की जान चली गई है. सोमवार शाम को बचाव अभियान शुरू हुआ, जिसमें 64 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। एनडीआरएफ ने मलबे में फंसे शवों को निकालने के लिए खुदाई करने वालों के साथ रात भर बचाव अभियान चलाया।

बीएमसी ने सोमवार शाम को एक बयान में कहा कि होर्डिंग गिरने से 20 से 30 लोग अभी भी मलबे के अंदर फंसे हुए हैं। हालांकि, पेट्रोल पंप पर हुए हादसे के कारण मलबा हटाने में एनडीआरएफ को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था, जिससे खतरनाक स्थिति पैदा हो सकती थी। वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे स्थिति का जायजा लेने के लिए सोमवार को घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने मृतकों के परिवारों के लिए 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और घायलों के इलाज की भी घोषणा की।

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