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काबुल में अमेरिकी विश्वविद्यालय पर हमला, 12 की मौत
काबुल| अफगानिस्तान के काबुल में ‘अमेरिकन यूनिवर्सिटी ऑफ अफगानिस्तान’ पर आतंकवादी हमले में 12 लोगों की मौत हो गई। काबुल पुलिस के प्रवक्ता बसीर मुजाहिद ने गुरुवार को सीएनएन को बताया कि विश्वविद्यालय पर हुए हमले में मृतकों में सात छात्र, तीन पुलिसकर्मी और दो सुरक्षाकर्मी हैं।
विश्वविद्यालय में हुए हमले के लगभग 10 घंटे बाद गुरुवार तड़के पुलिस ने विश्वविद्यालय परिसर की तलाशी ली और परिसर में विस्फोटकों और हथियारों के साथ घुस आए दो हमलावरों को मार गिराया।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से सीएनएन को बताया कि बंदूकधारियों ने विस्फोट किया और गोलीबारी की। अन्य हमलावर इमारतों में घुसे हैं। अभी तक किसी भी आतंकवादी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
बीबीसी के मुताबिक, पुलिस ने इस हमले को जटिल बताया। यह हमला बुधवार शाम लगभग सात बजे शुरू हुआ। हमले के बाद विश्वविद्यालय की इमारत में कई घंटों तक फंसे रहे लोगों में से एक पुलित्जर पुरस्कार विजेता मसूद हुसैनी ने ट्वीट कर अपने अनुभव साझा किए और मदद की गुहार लगाई।
एक छात्र अहमद मुख्तार ने बीबीसी को बताया कि वह विश्वविद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार से लगभग 100 मीटर की दूरी पर थे। उन्होंने छह से 10 गोलियां चलने और बड़े विस्फोट की आवाज सुनी। अहमद ने कहा, “मैं बचने के लिए छह मीटर ऊंची दीवार पर चढ़ गया।”
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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