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निर्भया कांड के 4 साल बाद दिल्ली में दुष्कर्म तिगुना
नई दिल्ली| निर्भया दुष्कर्म कांड (16 दिसंबर, 2012) के चार साल बाद देश की राजधानी में प्रशासन के वायदों से ज्यादा उम्मीद बंधती नहीं नजर आ रही है। देश की राजधानी में महिलाओं को सुरक्षित रखने की प्रक्रियाओं में सुधार कहीं नजर नहीं आता।
पुलिस सुधार में खामियां हैं और उन्हें दूर करने की प्रक्रिया काफी धीमी है। वर्मा आयोग की कानून में सबसे महत्वपूर्ण बदलाव की सिफारिश थी कि निर्भया कांड के बाद महिला अधिकारी ही महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को रिकॉर्ड करेंगी और उनका बयान लेंगी।
इसके लिए सरकार को ज्यादा महिला अधिकारियों की जरूरत होगी। सरकार को इसके लिए ज्यादा संख्या में महिलाओं की भर्तियां करने की अनुमति देनी होगी, जिससे 33 प्रतिशत ‘गैर-राजपत्रित’ पदों कांस्टेबल से लेकर उप-निरीक्षक तक के पदों को भरा जा सके। इसकी मंजूरी मार्च 2015 में मिली।
इसमें कुछ विकास हुआ है। पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (बीपीआरडी) के साल 2011-215 के पुलिस संगठनों को दिए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली पुलिस में महिला कांस्टेबल की संख्या साल 2011 के 3,572 से बढ़कर साल 2015 में 4,582 हो गई है।
लेकिन बीपीआरडी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली पुलिस में महिलाओं की संख्या 9 प्रतिशत से कम है और राष्ट्रीयस्तर पर यह आंकड़ा 6.4 प्रतिशत से कम है। बीपीआरडी के 2014 में राष्ट्रीय पुलिस कार्य स्थिति पर किए गए अध्ययन में कहा गया कि करीब 20 प्रतिशत महिलाएं हों तो बेहतर सुरक्षा का नेतृत्व कर सकती हैं।
हालांकि, पुलिस का दावा है कि लिंग संवेदनशीलता के प्रशिक्षण में प्रगति है। लेकिन वास्तव में यह बहुत ही धीमी गति से चल रहा है। महिला और बच्चों के विशेष इकाई की उप आयुक्त वर्षा शर्मा ने कहा, “इसके लिए अलग से कोई कोष या बजट तय नहीं है जिससे कि लिंग संवेदनशीलता के लिए उपयोग में लाया जा सके।
शर्मा ने कहा कि लिंग संवेदनशीलता कार्यक्रम में महिला सहायता डेस्क, स्कूलों में प्रशिक्षण, आसपास में पुलिस के शीघ्रता से पहुंचने को तय करना है, जिससे महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोका जा सके। महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों से बचाव में उनकी कोई मदद नहीं की जा रही।
दिल्ली में दुष्कर्म की घटनाओं में इजाफा हुआ है। साल 2012 से दुष्कर्म के मामलों में 200 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। निर्भया कांड के बाद व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए और इसके बाद राजनीतिक वायदे और तमाम सुधारों की बात कही गई थी।
दिल्ली पुलिस की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि साल 2014 की तुलना में 2015 में दुष्कर्म के वापस लेने वाले मामलों की संख्या 81 से 104 हो गई है। इससे अपराध न्याय व्यवस्था और न्यायिक जांच में भरोसे में कमी का संकेत मिलता है।
नेशनल
सामने आई स्वाति मालीवाल की मेडिकल रिपोर्ट, शरीर के इन हिस्सों पर चोट के निशान
नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ हुई मारपीट के बाद उनका एम्स में मेडिकल टेस्ट कराया गया था, जिसकी रिपोर्ट आ गई हैं। रिपोर्ट देखकर पता चलता है कि स्वाति के शरीर पर चार जगह चोट लगी थी। एम्स की रिपोर्ट में सामने आया है कि स्वाति मालीवाल को ‘बाएं पैर के थाइस’ पर 3×2 सेंटीमीटर के आकार की चोट थी और उनके ‘दाहिनी आंख के नीचे दाहिने गाल’ पर 2×2 सेंटीमीटर आकार की एक और चोट थी।
एम्स के डॉक्टर आनंद गंगदेव द्वारा बनाई गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मरीज द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सीएम के आवास पर 13 मई को उनपर परिचित व्यक्ति ने हमला किया था. उन्हें कई बार थप्पड़ मारे गए और उनके सिर पर कठोर वस्तु से हमला किया गया और वह जमीन पर गिर गईं. उनके पेट, पेल्विस और चेस्ट पर पैर से कई बार मारा गया. मरीज फिलहाल जांघ और पेल्विस एरिया में दर्द की शिकायत कर रहा है।
सीएम केजरीवाल के आवास से विभव कुमार गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने सीएम केजरीवाल के आवास से विभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें सिविल लाइन्स थाने लेकर जाया गया है। दिल्ली पुलिस को पहले ही बिभव कुमार के सीएम हाउस में होने का इनपुट मिला था। सूचना के बाद पुलिस टीम में एसएचओ सिविल लाइंस और एडिशनल डीसीपी नॉर्थ सीएम आवास पर पहुंचे थे। सूचना मिलने के बाद एक गाड़ी सीएम हाउस में पहुंची थी। दिल्ली पुलिस की टीम जब सीएम हाउस पर पहुंची तब वहां पर पहले से ही गेट खुले हुए थे। इस गाड़ी को गेट पर नहीं रोका गया और गाड़ी सीधा सीएम हाउस में चली गई। गाड़ी के लिए पहले से सीएम हाउस में मैसेज था। इसके बाद दिल्ली पुलिस की टीम सीधे सीएम हाउस में गई और फिर वहां से बिभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया।
बता दें कि गिरफ्तारी से पहले ही बिभव कुमार ने एक मेल किया था, जिसमें उसने हर जांच के लिए साथ देने की बात कही थी। अपने मेल में बिभव कुमार ने लिखा कि ‘मैं हर जांच में सहयोग को तैयार हूं। मुझे मीडिया के माध्यम से FIR दर्ज होने के बारे में जानकारी हुई। अभी तक मुझे एफआईआर के बाद कोई नोटिस नहीं दिया गया है। मेरी शिकायत पर भी दिल्ली पुलिस संज्ञान ले।’
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