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प्रादेशिक

शीतलहर से ठिठुरा राजस्थान

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जयपुर| राजस्थान में शीतलहर का प्रकोप जारी है और इससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मैदानी इलाकों में चुरू सबसे ठंडा इलाका रहा और यहां का तापमान 0.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कम दृश्यता एवं कोहरे की वजह से रेल एवं हवाई सेवा प्रभावित रही। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक 18 रेलगाड़ियां चार से 14 घंटे से विलंब से चल रही हैं वहीं चार रेलगाड़ियों को अंशकालिक रूप से रद्द कर दिया गया है। मैदानी इलाकों में जहां चुरू 0.6 डिग्री के साथ सबसे ठंडा रहा वहीं पहाड़ी इलाले में माउंट आबू में तापमान दो डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। पिलानी में 3.8, उदयपुर में 5, जोधपुर में 6.6 और राजधानी जयपुर में तापमान 5.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अगले 48 घंटे में मौसम में कुछ खास बदलाव के आसार नहीं हैं। राज्य के कई हिस्सों में सुबह के समय कोहरा रहेगा। ठंड बढ़ने की वजह से चाय, अंडे और मूंगफली की बिक्री में इजाफा हुआ है। जयपुर में टोंक रोड पर अंडे बेचने वाले रवींद्र ने कहा, “मैं आमतौर पर 200 से 250 अंडे रोज बेचता हूं लेकिन ठंड बढ़ने की वजह से बिक्री तीन गुना हो गई है। ” इसी तरह चाय विक्रेता नंदू ने कहा कि इन दिनों उसके चाय की बिक्री दोगुनी बढ़ गई है।

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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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