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फुल फॉर्म में आए दिल्‍ली के ‘बिग बॉस’ नजीब जंग, मंगवाईं सभी फाइलें

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दिल्ली हाईकोर्ट, उपराज्यपाल नजीब जंग, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्‍ली का सर्वाधिक अधिकार प्राप्‍त व्‍यक्ति

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दिल्ली हाईकोर्ट, उपराज्यपाल नजीब जंग, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्‍ली का सर्वाधिक अधिकार प्राप्‍त व्‍यक्ति

najeeb jung arvind kejriwal

अब खुलकर आमने-सामने होंगे जंग व केजरीवाल

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा पिछले दिनों दिए गए अपने फैसले में उपराज्यपाल को ही दिल्‍ली का सर्वाधिक अधिकार प्राप्‍त व्‍यक्ति बताने के फैसले के बाद उपराज्यपाल नजीब जंग अब अपने पूरे रौ में नजर आ रहे हैं। दिल्‍ली हाई कोर्ट के फैसले के आलोक में उपराज्यपाल सचिवालय ने दिल्ली सरकार से वो सभी फाइलें मंगवा ली हैं, जिन पर पिछले डेढ़ साल में फैसला लिया गया है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने उपराज्‍यपाल को बताया था दिल्‍ली का बॉस

LG नजीब जंग का रुख तो यही बता रहा है कि दिल्ली सरकार के कई फैसलों की गहन समीक्षा होगी। जाहिर कि ऐसे में दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आफत आ सकती है। सूत्रों का कहना है कि इनमें से कई फैसले तो ऐसे थे, जिन पर उपराज्यपाल की मंजूरी लेनी हर हाल में जरूरी था। नियमानुसार इन फैसलों से संबंधित फाइलें भेजी जानी थीं, लेकिन विवाद के चलते फाइलें उपराज्यपाल के पास नहीं भेजी गईं।

केजरीवाल के किन फैसलों को लग सकता है झटका

1-दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने पिछले डेढ़ साल में कई फैसले लिए हैं।

2-इन फैसलों में कई तरह की नियुक्तियां भी शामिल हैं, जो बिना उपराज्यपाल की अनुमति के दिल्ली सरकार में की गईं हैं।

3-दिल्ली के प्रशासन में सेवा विभाग पर सबसे ज्यादा असर पड़ने की उम्मीद है, क्योंकि ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर ही विवाद सबसे ज्यादा रहे हैं।

4-दिल्ली सरकार ने पिछले डेढ़ साल में कई जांच समितियों का भी गठन किया, जिसमें सीएनजी फिटनेस घोटाले और डीडीसीए में गड़बड़ियों की जांच के लिए बनीं कमेटियां भी शामिल हैं।

5- दिल्ली को अलग-अलग मोहल्ला सभाओं में बांटने का फैसला भी खटाई में पड़ सकता है।

बताया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के फैसलों की समीक्षा पर तेजी से काम होगा। इसी के चलते विभिन्न विभागों के प्रमुखों को हिदायत दी गई है कि वे उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए सभी फाइल एक हफ्ते के भीतर भेजें।

17 अगस्त तक उपलब्ध कराए फाइलें, दिल्ली सरकार परेशान

दिल्ली सरकार उपराज्यपाल (एलजी) नजीब जंग के नए फरमान को लेकर परेशान है। अधिकारों की जंग को लेकर हाई कोर्ट के आदेश के बाद राजधानी में उपराज्यपाल प्रमुख हैं और इसी अधिकार से उन्होंने दिल्ली सरकार में काम कर रहे अधिकारियों को सोमवार को सख्त आदेश जारी किया है। उन्होंने पिछले डेढ़ साल में दिल्ली सरकार द्वारा किए गए फैसलों से संबंधित सभी फाइलें 17 अगस्त तक उपलब्ध कराने को कहा है।

ट्रांसफर-पोस्टिंग की फाइलें मंत्रियों को न दिखाएं

नजीब जंग ने यह भी आदेश दिया है कि भविष्य में उपराज्यपाल के आदेश या अनुमति के बिना दिल्ली सरकार द्वारा कोई आदेश जारी न किया जाए। ट्रांसफर और पोस्टिंग की फाइलें भी मंत्रियों को न दिखाएं। शायद यह पहला मौका है जब उपराज्यपाल की ओर से सभी विभाग प्रमुखों और मंत्रियों के सचिवों को अलग-अलग पत्र भेजे गए हैं।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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