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मनोरंजन

अनिल के साथ काम करना पसंद है : आशीष

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अनिल के साथ काम करना पसंद है : आशीष

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अनिल के साथ काम करना पसंद है : आशीष

मुंबई| अभिनेता आशीष विद्यार्थी ने टेलीविजन शो ’24 : सीजन-2′ में दिग्गज अभिनेता अनिल कपूर के साथ काम करने के अनुभव को पिछले समय को एक बार फिर जीने के समान बताया। नकारात्मक किरदारों के लिए पहचाने जाने वाले आशीष को टेलीविजन चैनल ‘कलर्स’ पर प्रसारित हो रहे इस शो में नशीली दवाओं के सरगना के रूप में देखा जा रहा है।

आशीष और सिकंदर खेर अक्सर अनिल के घर पर शो के दृश्यों के बारे में चर्चा करने तथा अपने डॉयलॉग का अभ्यास करने जाते रहते हैं। यह कभी-कभी काफी मजेदार हो जाता था।  आशीष ने अपने एक बयान में कहा, “अनिल के साथ काम करना मजेदार रहता है। उनके साथ एक बार फिर काम करना सौभाग्य की बात है। मैं काफी खुश हूं कि मुझे इस शो के लिए चुना। अनिल में अब भी वही ऊर्जा है और यह हमें अच्छा काम करने के लिए प्रेरित करती है।”

मनोरंजन

नहीं रहे दंगल गर्ल जायरा वसीम के पिता, सोशल मीडिया पर लिखा भावुक पोस्ट

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मुंबई। दंगल गर्ल जायरा वसीम पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनके पिता अब इस दुनिया मन नहीं रहे। इसकी जानकारी उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर दी और लोगों से उन्हें अपनी दुआओं में याद करने की अपील भी की। पूर्व एक्ट्रेस ने इंस्टाग्राम स्टोरी में एक नोट शेयर किया है जिसमें वह पिता के साथ नजर आ रही हैं।

इंस्टाग्राम स्टोरीज पर जायरा वसीम ने नोट में लिखा था, ‘मेरे पिता जाहिद वसीम का निधन हो गया है। मैं सभी से अनुरोध करती हूं कि वो अपनी प्रार्थनाओं में उन्हें याद रखें और उनके लिए अल्लाह से क्षमा मांगें। कृपया प्रार्थना करें कि अल्लाह उनकी कमियों को माफ कर दे, उनकी कब्र को आराम की जगह बनाए, उन्हें किसी भी सजा से बचाए, उन्हें परलोक में आसानी प्रदान करे और उन्हें जन्नत का सबसे ऊंचा स्थान प्रदान करे और उन्हें मगफिरत दे।’

उन्होंने अपने पिता के साथ एक प्यारी-सी तस्वीर भी शेयर की और उनके निधन पर एक भावुक नोट लिखा। जायरा ने लिखा, ‘वास्तव में आंखें आँसू बहाती हैं और दिल दुखी होता है, लेकिन हम वही नहीं कहेंगे जो हमारे भगवान को पसंद हो। मेरे पिता जाहिद वसीम का निधन हो गया है। कृपया उन्हें अपनी दुआओं में याद रखें और अल्लाह से उनकी कमियों को माफ करने, उनकी कब्र को शांतिपूर्ण बनाने, उन्हें इसके अजाब से बचाने और आगे की उनकी यात्रा को आसान बनाने के लिए कहें। उन्हें आसानी से हिसाब दिया जाए और उन्हें जन्नत और मगरिरा का ऊंचा दर्जा दिया जाए। वास्तव में, हम अल्लाह के हैं और हम उनके ही पास जाएंगे।’

 

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