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मनोरंजन

‘कबाली’ ने उत्तरी अमेरिका में प्रीमियर्स से कमाए 20 लाख डॉलर

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'कबाली' ने उत्तरी अमेरिका में प्रीमियर्स से कमाए 20 लाख डॉलर

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'कबाली' ने उत्तरी अमेरिका में प्रीमियर्स से कमाए 20 लाख डॉलरचेन्नई| सुपरस्टार रजनीकांत की तमिल फिल्म ‘कबाली’ ने उत्तरी अमेरिका में अमेरिका और कनाडा के बाजारों में केवल प्रीमियरों से ही 20 लाख डॉलर की कमाई कर ली है। वितरक कपनी सिनेगैलेक्सी इंक के सह संस्थापक संजय दुसारी ने आईएएनएस को बताया, “उत्तरी अमेरिका में किसी भारतीय फिल्म के प्रीमियर शोज की यह सर्वश्रेष्ठ ओपनिंग है। फिल्म ने प्रीमियर शोज से 20 लाख डॉलर की कमाई की है। इसमें ‘कबाली’ के तमिल और तेलुगू दोनों संस्करण शामिल हैं।”

‘कबाली’ अमेरिका और कनाडा में 400 से भी ज्यादा स्क्रीन्स पर रिलीज हुई।

व्यापार विश्लेषक त्रिनाथ के अनुसार, केवल रजनीकांत स्टारर फिल्म ही ऐसी शानदार ओपनिंग कर सकती है।

उन्होंने कहा, “किसी अन्य स्टार की फिल्म ऐसी ओपनिंग नहीं कर सकती। केवल प्रीमियरों से ही 20 लाख डॉलर कमाना आसान काम नहीं है और यह शानदार प्री-रिलीज और फिल्म के साथ रजनीकांत के जुड़े होने के कारण संभव हुआ है।”

‘कबाली’ हिंदी में भी रिलीज हुई है। इसमें रजनीकांत के साथ-साथ राधिका आप्टे, किशोर, दिनेश, धंसिका, कलैअरशन और विन्सटन चाओ शामिल हैं।

प्रादेशिक

13 साल बाद एक्ट्रेस को मिला इंसाफ, कोर्ट ने हत्यारे बाप को सुनाई फांसी की सजा

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मुंबई। एक्ट्रेस लैला खान और उसके पूरे परिवार के हत्यारे सौतेले पिता को मुंबई की सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में परवेज टाक को लैला, उनकी मां और चार भाई-बहन की हत्या और सबूतों को नष्ट करने का दोषी ठहराया था। यह मामला 13 वर्ष पुराना है। सौतेले प‍िता ने लैला, उसकी मां व चार भाई-बहनों की हत्या की थी, इसके बाद शवों को फार्म हाउस में गड्ढा खोदकर दफन कर दिया था।

बता दें कि बीते सप्ताह सरकारी वकील पंकज चव्हाण ने दोषी परवेज टाक के लिए मौत की सजा की मांग की थी। उनका कहना था कि इस हत्या को पूरी तरह से प्लान करके किया गया था, जिसमें एक ही परिवार के छह लोगों को बड़ी ही बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया और शवों को ठिकाने लगा दिया गया।

लैला खान हत्याकांड में मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान आरोपी के वकील वहाब खान ने दलील पेश की, जिसमें उन्होंने कम से कम आजीवन कारावास की सजा की मांग की। वकील ने कहा कि कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है और शव उनके कहने पर बरामद किए गए थे। इतना ही नहीं बल्कि दोषी के वकील ने जेल में टाक के अच्छे व्यवहार की ओर इशारा करते हुए कहा कि उसमें सुधार हुआ है और इसलिए उन्होंने इसे भी सजा को कम करने का आधार बताया है। हालांकि कोर्ट ने उनकी एक न सुनी और परवेज टाक को फांसी की सजा सुना दी।

बता दें कि परवेज टाक, लैला का सौतेला पिता है। परवेज ने लैला की मां संग तीसरी शादी की थे। साल 2011 में फरवरी में लैला खान, उनकी मां और चार भाई-बहनों की महाराष्ट्र के नासिक जिले के इगतपुरी स्थित उनके बंगले में हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट्स की मानें तो कहा गया कि संपत्तियों पर बहस के बाद परवेज ने इस घटना को अंजाम दिया था।

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