उत्तराखंड
अजय टम्टा हो सकते हैं मोदी मंत्रिमंडल में शामिल
कोश्यारी समर्थकों में बेचैनी
देहरादून। मंगलवार को मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार तय माना जा रहा है। उत्तराखंड से अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा और वरिष्ठ भाजपा नेता भगत सिंह कोश्यारी को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की उम्मीद जताई जा रही थी। परन्तु अब बताया जा रहा है कि उत्तराखंड से अजय टम्टा को ही मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है।
कुमाऊं में दलित कार्ड खेलने की तैयारी
इस चर्चा के बाद से ही भगत सिंह कोश्यारी के समर्थकों में भारी बेचैनी है। उधर उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट भी किसी एक के नाम का खुलासा करने को तैयार नहीं है। मोदी मंत्रिमंडल का कल 11 बजे विस्तार होना है। जिसे मंत्रिमंडल में शामिल होना है उसे आज शाम तक दिल्ली पहुंचने का बुलावा आ चुका है।
बताया जा रहा है कि उत्तराखंड से दो नहीं एक ही चेहरे को मोदी कैबिनेट में जगह मिलेगी। अल्मोड़ा से सांसद अजय टम्टा को दिल्ली बुलाया गया है। भाजपा से जुडे़ सूत्रों का कहना है कि अजय टम्टा को सोमवार शाम तक दिल्ली पहुंचने के लिए कहा गया है। सूत्रों की माने तो उत्तराखंड से सिर्फ एक ही मंत्री बनाया जाएगा।
जिला पंचायत सदस्य से राजनीति की शुरुआत करने वाले अजय टम्टा का कैबिनेट मंत्री बनना तय माना जा रहा है। कुमांऊ में दलित कार्ड खेलने की तैयारी भाजपा ने कर ली है। मोदी कैबिनेट में उत्तराखण्ड से अजय टम्टा को जगह मिलने की उम्मीद है। पर अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
अल्मोड़ा जिले के दुगालखोला में अजय टम्टा का जन्म 16 जुलाई 1972 हुआ था, अजय टम्टा ने सबसे पहले जिले के तल्ला तिखून से जिला पंचायत सदस्य के रूप में राजनीतिक जीवन की शुरुआत की, इसके बाद टम्टा 1996 में जिला पंचायत उपाध्यक्ष बने और इसके साथ ही जिला पंचायत में कार्यवाहक अध्यक्ष के पद पर भी कार्य किया।
वर्ष 2002 में सोमेश्वर से भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़े, लेकिन हार का सामना करना पड़ा, 2007 में भाजपा ने टिकट दिया और जीतकर खण्डूरी कैबिनेट में राज्य और कैबिनेट मंत्री रहें, 2009 में लोकसभा टिकट मिला लेकिन हार गए। इसके बाद दुबारा 2012 में विधायक बने।
पार्टी ने उन्हें 2014 में लोकसभा टिकट दिया और वह सांसद बन गए। एक साल पहले भी उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाने की चर्चा थी लेकिन उत्तराखण्ड को कोई कैबिनेट मंत्री नही मिलने से वह रह गए। इसके साथ ही भाजपा संगठन में अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। सोमेश्वर से कांग्रेस ने प्रदीप टम्टा को राज्य सभा भेजने के बाद अजय टम्टा की दावेदारी पक्की हो गयी है।
अजय टम्टा को मोदी कैबिनेट में जगह मिलने की चर्चा के बाद से वरिष्ठ भाजपा नेता और नैनीताल से सांसद भगत सिंह कोश्यारी समर्थकों में निराशा और रोष है। उधर बताया जा रहा है कि मोदी कैबिनेट के विस्तार को देखते हुए भगत सिंह कोश्यारी पहले से ही दिल्ली में मौजूद हैं, लेकिन बुलावा सिर्फ अजय टम्टा को भेजा गया है।
पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि उत्तराखंड से कम से कम दो लोगों को मोदी कैबिनेट में जगह दी जा सकती है। लेकिन सूत्रों की मानें तो अब सिर्फ एक चेहरा ही राज्य से मोदी सरकार में शामिल किया जा रहा है।
संभावित मंत्री के रूप में अल्मोड़ा सांसद अजय टम्मा का नाम करीब-करीब तय माना जा रहा है। आरएसएस की पृष्ठभूमि के बावजूद संभवतः उम्र भगत सिंह कोश्यारी की राह में रोड़ा साबित हुई है। 74 वर्षीय कोश्यारी को मोदी मंत्रिमंडल में जगह न मिलने पर प्रदेश की राजनीति में नए सिरे से भाजपा नेताओं में होड़ देखने को मिल सकती है।
उत्तराखंड
चारधाम यात्रा में 31 मई तक VIP दर्शन पर रोक, ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 19 मई तक बंद
हरिद्वार। अगर आप भी चारधाम यात्रा पर जा रहे हैं तो ये खबर आपके लिए काफी अहम है। चारधाम यात्रा में VIP दर्शन व्यवस्था पर रोक लगा दी गई है। लोग 31 मई तक VIP सिस्टम के तहत दर्शन नहीं कर पाएंगे। वहीं ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी 19 मई तक बंद रहेंगे। खराब मौसम और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
चार धाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई थी। छह दिन में ही देश-विदेश के 3,34,732 श्रद्धालु इनके दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। उत्तराखंड सरकार ने यात्रा के लिए 25 अप्रैल से चारधामों के लिए पंजीकरण शुरू किया और गुरुवार तक 27 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पंजीकरण हो गए।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पत्र जारी कर 31 मई तक वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी है। यह भी कहा है कि धामों में सुगम दर्शन के लिए सरकार ने श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य किया है। अब दर्शन उसी दिन होंगे जिस तिथि का पंजीकरण किया गया है। इससे पहले 30 अप्रैल को राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर 25 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था पर रोके जाने का आदेश दिया था।
50 मीटर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध
उत्तराखंड सरकार ने भीड़ प्रबंधन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसमें 50 मीटर के दायरे में चारों धामों के मंदिर के परिसर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही सोशल मीडिया लाइव आदि पर भी रोक लगा दी गई है। सरकार ने कहा है कि कुछ यात्रियों द्वारा मंदिर परिसर में वीडियो एवं रील बनायी जाती है और उन्हें देखने के लिए एक स्थान पर भीड़ एकत्रित हो जाती है जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में असुविधा होती है ।
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