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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान में बाढ़, 43 की मौत

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पाकिस्तान में बाढ़, 43 की मौत

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पाकिस्तान में बाढ़, 43 की मौतइस्लामाबाद| पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में रविवार को बाढ़ की वजह से 43 लोगों की मौत हो गई और 40 अन्य घायल हो गए, जबकि कई लापता हैं। प्रांतीय राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्रशासन (एनडीएमए) ने कहा कि बाढ़ से चितराल जिला सर्वाधिक प्रभावित है, यहां 31 लोगों की मौत हो गई।

एनडीएमए ने बयान में कहा, “बाढ़ में एक मस्जिद, पाकिस्तानी सेना की जांच चौकी और आसपास के घर नष्ट हो गए। इसमें 35 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए, जबकि 47 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।”

एक बयान में कहा गया है कि मूसलाधार बारिश से उरसून गांव प्रभावित हुआ है, जिससे पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के पास बाढ़ आ गई है।

छत ढहने की अलग-अलग घटनाओं में 32 लोग घायल हो गए हैं।

प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) के प्रवक्ता लतिफुर रहमान ने बताया कि हरीपुर जिले में तरबेला बांध के पास एक निर्माणाधीन इमारत की छत ढहने से चार लोगों की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए।

इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशन्स ने जारी बयान में कहा कि सेना ने उरसून गांव के प्रभावित लोगों को भोजन, टेंट और चिकित्सीय सुविधाएं मुहैया कराई हैं।

बयान के मुताबकि, सेना के हेलीकॉप्टर ने घायलों को बचाने के लिए चितराल से उरसून तक पांच चक्कर लगाए।

लापता लोगों के लिए तलाशी अभियान जारी है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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