प्रादेशिक
मप्र में मंत्रियों के कामकाज की तिमाही समीक्षा होगी : चौहान
भोपाल| मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद शुक्रवार को हुई इसकी पहली बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी मंत्रियों को बेहतर कार्य करने की सख्त हिदायत देते हुए कहा कि उनके कामकाज की तिमाही समीक्षा होगी। मंत्रिमंडल की बैठक में चौहान ने नौ नए मंत्रियों को बधाई दी और उम्मीद जताई कि वे अपना काम पूरी ईमानदारी से करेंगे। सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री चौहान ने सभी मंत्रियो से कहा कि उन्हें हर तीन माह में अपने विभाग की प्रगति रिपोर्ट देनी होगी और उनके कार्य निष्पादन की समीक्षा भी की जाएगी। साथ ही मंत्रियों को महीने में दो दिन अपने प्रभार वाले जिलों में रहने का आदेश भी दिया गया है। इस दौरान वे जिले के विकास कार्यो की समीक्षा करेंगे।
ज्ञात हो कि राज्य में सभी मंत्रियों को एक से अधिक जिलों का प्रभार दिया गया था। गत ढाई साल में बड़ी तादाद में इस बात की शिकायतें मिलीं कि मंत्री अपने प्रभार वाले जिले में नहीं जाते हैं।
मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बैठक में मंत्रियों से कहा कि वे अच्छा काम करें। प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता के हित में काम करना सरकार की जिम्मेदारी है। किसी का कोई व्यक्तिगत एजेंडा नहीं होना चाहिए। साथ ही नवनियुक्त मंत्रियों को हिदायत दी कि वे स्वागत सत्कार के समय इस बात का ध्यान रखें कि कहीं कोई असामाजिक तत्व उनके साथ तस्वीरें खिंचवाकर अपना स्वार्थ न साध ले।
मुख्मयंत्री ने बैठक में कहा कि राज्य मंत्रियों को स्वतंत्र प्रभार भी दिए जा सकते हैं। जिन मंत्रियों के पास अधिक विभाग हैं उनके विभागों की संख्या में कटौती की जाएगी। सभी मंत्रियों को अपनी जिम्मेदारी बेहतर तरीके से निभानी होगी।
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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक
अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।
इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।
हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।
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