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‘वीरप्पन’ एक अपराधी का गुणगान नहीं है: राम गोपाल वर्मा

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मुंबई। ‘सत्या’, ‘कंपनी’, ‘जंगल’ व ‘सरकार’ जैसी सफल फिल्में देने वाले निर्माता-निर्देशक राम गोपाल वर्मा का कहना है कि उनकी आगामी फिल्म ‘वीरप्पन’ एक अपराधी का गुणगान नहीं है। ‘वीरप्पन’ कुख्यात चंदन तस्कर कूसे मुनिस्वामी वीरप्पन पर आधारित है। राम गोपाल वर्मा (54) ने बुधवार को ट्विटर पर लिखा, “फिल्म ‘वीरप्पन’ बनाना एक अपराधी का महिमामंडन करना नहीं है बल्कि यह आईना दिखाती है कि उसे मुकाम बनाने की इजाजत कैसे मिली।

उन्होंने बताया कि कहानी सबूत है कि वह एक अप्रत्याशित आदमी था। राम गोपाल वर्मा ने कहा, “वीरप्पन की कहानी सबूत है कि एक अप्रत्याशित आदमी पूरे मौजूदा सिस्टम को उलट सकता है। डोनाल्ड ट्रंप के साथ भी ऐसा ही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि वीरप्पन जैसे बुरे लोगों के बारे में जानना जरूरी है, क्योंकि बुरे लोग कैसे खत्म होते हैं, यह जानना समाज के लिए के लिए फायदेमंद है। फिल्म में संदीप भारद्वाज, सचिन जोशी, उषा जाधव व लिसा रे भी हैं।

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नहीं रहे दंगल गर्ल जायरा वसीम के पिता, सोशल मीडिया पर लिखा भावुक पोस्ट

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मुंबई। दंगल गर्ल जायरा वसीम पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनके पिता अब इस दुनिया मन नहीं रहे। इसकी जानकारी उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर दी और लोगों से उन्हें अपनी दुआओं में याद करने की अपील भी की। पूर्व एक्ट्रेस ने इंस्टाग्राम स्टोरी में एक नोट शेयर किया है जिसमें वह पिता के साथ नजर आ रही हैं।

इंस्टाग्राम स्टोरीज पर जायरा वसीम ने नोट में लिखा था, ‘मेरे पिता जाहिद वसीम का निधन हो गया है। मैं सभी से अनुरोध करती हूं कि वो अपनी प्रार्थनाओं में उन्हें याद रखें और उनके लिए अल्लाह से क्षमा मांगें। कृपया प्रार्थना करें कि अल्लाह उनकी कमियों को माफ कर दे, उनकी कब्र को आराम की जगह बनाए, उन्हें किसी भी सजा से बचाए, उन्हें परलोक में आसानी प्रदान करे और उन्हें जन्नत का सबसे ऊंचा स्थान प्रदान करे और उन्हें मगफिरत दे।’

उन्होंने अपने पिता के साथ एक प्यारी-सी तस्वीर भी शेयर की और उनके निधन पर एक भावुक नोट लिखा। जायरा ने लिखा, ‘वास्तव में आंखें आँसू बहाती हैं और दिल दुखी होता है, लेकिन हम वही नहीं कहेंगे जो हमारे भगवान को पसंद हो। मेरे पिता जाहिद वसीम का निधन हो गया है। कृपया उन्हें अपनी दुआओं में याद रखें और अल्लाह से उनकी कमियों को माफ करने, उनकी कब्र को शांतिपूर्ण बनाने, उन्हें इसके अजाब से बचाने और आगे की उनकी यात्रा को आसान बनाने के लिए कहें। उन्हें आसानी से हिसाब दिया जाए और उन्हें जन्नत और मगरिरा का ऊंचा दर्जा दिया जाए। वास्तव में, हम अल्लाह के हैं और हम उनके ही पास जाएंगे।’

 

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