Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तराखंड

केदारनाथ धाम में अव्यवस्थाओं का बोलबाला

Published

on

केदारनाथ धाम, अव्यवस्थाओं का बोलबाला, शौचालय व पानी की भी नहीं व्यवस्था, बुजुर्ग यात्रियों को हो रही दिक्कतें

Loading

 

केदारनाथ धाम, अव्यवस्थाओं का बोलबाला, शौचालय व पानी की भी नहीं व्यवस्था, बुजुर्ग यात्रियों को हो रही दिक्कतें

Pilgrimage que in kedarnath

खाने, रहने से लेकर शौचालय व पानी की भी नहीं व्यवस्था

रुद्रप्रयाग। केदार धाम में यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। करोड़ों रूपये खर्च करने के बाद भी धाम में व्यवस्थाएं दुरूस्त नहीं हो पाई हैं। नौ मई को भगवान केदारनाथ की यात्रा शुरू हो गई थी और अब तक 31 हजार से अधिक यात्री बाबा के धाम में पहुंचकर मत्था टेक चुके हैं, लेकिन यात्रियों को खाने, रहने से लेकर शौचालय व पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है। यहां तक की घोड़े-खच्चरों की व्यवस्था भी नहीं हो पा रही है।

केदारधाम के कपाट खुलने से पूर्व प्रशासन ने लाख दावे किये कि यात्रा मार्गों पर व्यवस्थाएं दुरूस्त हो चुकी हैं और यात्रियों को किसी भी अव्यवस्था से नहीं जूझना पड़ेगा, मगर एक सप्ताह से अधिक का समय गुजर चुका है और धाम से लेकर यात्रा पड़ावों पर व्यवस्थाएं दुरूस्त नहीं हो पाई हैं। ऐसे में यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। धाम में व्यवस्थाएं दुरूस्त न होने से तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय लोगों में भी आक्रोश बना हुआ है। उनकी मानें तो प्रशासन के हाथों व्यवस्थाएं सौंपे जाने से यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। धाम में व्यवस्थाएं अपडेट नहीं हैं। ऐसे में धाम में पसरी अव्यवस्थाएं प्रशासन के दावों की पोल खोलती नजर आ रही हैं।

बुजुर्ग यात्रियों को हो रही दिक्कतें

सोनप्रयाग, गुप्तकाशी, गौरीकुंड से लेकर यात्रा पड़ावों पर यात्रियों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। बुजुर्ग और अक्षम लोगों को घोड़े-खच्चरों की सुविधा नहीं मिल पा रही है। रास्ता कठिन होने से यात्रियों को पैदल चलने में दिक्कतें हो रही हैं। घोड़े-खच्चर संचालक यात्रियों से सही ढंग से बात भी नहीं करते हैं। तीर्थ पुरोहित मनोज तिवारी, तीर्थ यात्री सूरज सिंह, दयाल लाल, सुनीता सिंह ने कहा कि गुप्तकाशी से केदारनाथ तक यात्रा पड़ावों पर कोई भी सुविधा तीर्थ यात्रियों को नहीं मिल रही है। शौचालय, पानी और रहने व खाने की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां तक कि घोड़े-खच्चरों तथा डंडी-कंडी की भी कोई सुविधा नहीं है। ऐसे में तीर्थ यात्रियों को अपनी व्यवस्था पर आना पड़ रहा है। हैलीकॉप्टर और घोड़े की व्यवस्था न होने से तीर्थयात्री धाम में तीन से चार दिनों तक रुकने के लिए मजबूर हैं।

प्रशासन की ओर से यात्रा मार्ग पर दुकानें भी नहीं खोली गई हैं। रहने की भी पर्याप्त मात्रा में जगह नहीं हैं। हट और टैंट तो बनाये गये हैं, लेकिन वे भी नाकाफी साबित हो रहे हैं। तीर्थ पुरोहित कुबेरनाथ पोस्ती एवं श्रीनिवास पोस्ती ने कहा कि यदि प्रशासन पहले से ही तैयारियों में जुट जाता तो आज यह समस्या उत्पन्न नहीं होती। यात्रा मार्गों पर यात्रियों को अव्यवस्थाओं से दो-चार होना पड़ रहा है। 2013 की आपदा से पूर्व तीर्थ पुरोहित केदारधाम में व्यवस्थाएं करते थे, मगर धाम की व्यवस्थाओं को प्रशासन द्वारा अपने हाथों में लेने से अव्यवस्थाएं बढ़ती ही जा रही हैं। उन्होंने प्रशासन और सरकार से व्यवस्थाओं में शीघ्र सुधार लाने की मांग की है।

उत्तराखंड

चारधाम यात्रा में 31 मई तक VIP दर्शन पर रोक, ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 19 मई तक बंद

Published

on

Loading

हरिद्वार। अगर आप भी चारधाम यात्रा पर जा रहे हैं तो ये खबर आपके लिए काफी अहम है। चारधाम यात्रा में VIP दर्शन व्यवस्था पर रोक लगा दी गई है। लोग 31 मई तक VIP सिस्टम के तहत दर्शन नहीं कर पाएंगे। वहीं ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी 19 मई तक बंद रहेंगे। खराब मौसम और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।

चार धाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई थी। छह दिन में ही देश-विदेश के 3,34,732 श्रद्धालु इनके दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। उत्तराखंड सरकार ने यात्रा के लिए 25 अप्रैल से चारधामों के लिए पंजीकरण शुरू किया और गुरुवार तक 27 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पंजीकरण हो गए।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पत्र जारी कर 31 मई तक वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी है। यह भी कहा है कि धामों में सुगम दर्शन के लिए सरकार ने श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य किया है। अब दर्शन उसी दिन होंगे जिस तिथि का पंजीकरण किया गया है। इससे पहले 30 अप्रैल को राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर 25 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था पर रोके जाने का आदेश दिया था।

50 मीटर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध

उत्तराखंड सरकार ने भीड़ प्रबंधन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसमें 50 मीटर के दायरे में चारों धामों के मंदिर के परिसर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही सोशल मीडिया लाइव आदि पर भी रोक लगा दी गई है। सरकार ने कहा है कि कुछ यात्रियों द्वारा मंदिर परिसर में वीडियो एवं रील बनायी जाती है और उन्हें देखने के लिए एक स्थान पर भीड़ एकत्रित हो जाती है जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में असुविधा होती है ।

Continue Reading

Trending