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आईपीएल : बेंगलोर के लिए जीत ही विकल्प

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आईपीएल : बेंगलोर के लिए जीत ही विकल्प

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आईपीएल : बेंगलोर के लिए जीत ही विकल्प

बेंगलुरू| कप्तान विराट कोहली के बल्ले से लगातार रन बरसने के बावजूद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर की टीम इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के नौवें संस्करण में जूझती दिख रही है। टीम को प्लेऑफ में जगह बनाने के लिए अपने बाकी सारे मैच जीतना जरूरी है। इसी बात को ध्यान में रखकर टीम शनिवार को आईपीएल की सबसे मजबूत टीमों में से एक गुजरात लायंस के खिलाफ मैदान पर उतरेगी।

दोनों टीमें एम.चिन्नास्वामी स्टेडिमयम में आमने-सामने होंगी। आईपीएल के इतिहास में शनिवार को ऐसा पहली बार होगा जब सुरेशा रैना मैदान पर नहीं होंगे। जब से आईपीएल शुरू हुआ है तब से रैना ने लीग का कोई मैच नहीं छोड़ा। नौ साल में वह पहली बार आईपीएल का मैच नहीं खेल पाएंगे। रैना अपने पहले बच्चे के जन्म के लिए नीदरलैंड्स गए हुए हैं। ऐसे में टीम की कमान ब्रेंडन मैक्लम या एरॉन फिंच के हाथों में हो सकती है।

गुजरात के लिए हालांकि प्लेऑफ में जगह बनाना चिंता की बात नहीं है उसके अभी तक के प्रदर्शन को देखकर कर यह लग रहा है कि टीम आसानी से अंतिम चार में पहुंच जाएगी। वह इस समय अंकतालिका में 14 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर है।

टीम की बल्लेबाजी काफी मजबूत है। ड्वेन स्मिथ और मैक्लम की सलामी जोड़ी ने बताया है कि वह किसी भी गेंदबाजी आक्रमण को ध्वस्त कर सकते हैं। मध्यक्रम में एरॉन फिंच ने टीम को हमेशा संकट से उबारा है। मध्य क्रम में रैना का न होना टीम के लिए थोड़ी परेशानी खड़ी कर सकता है, लेकिन दिनेश कार्तिक, ड्वेन ब्रावो, रविन्द्र जडेजा इसकी भरपाई करने में सक्षम हैं।

टीम की गेंदबाजी भी अभी तक सफल रही है। प्रवीण कुमार, धवल कुलकर्णी, जडेजा, प्रवीण ताम्बे, शिविल कौशिक ने बड़े नामों के न रहते हुए भी टीम की गेंदबाजी को अच्छी तरह संभाला है। दूसरी तरफ बेंगलोर के पास कोहली, क्रिस गेल, अब्राहम डिविलियर्स, शेन वाटसन जैसे बड़े नाम हैं, लेकिन फिर भी टीम जीत के लिए हमेशा से जूझती रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह है उसकी गेंदबाजी। कोहली इस बात को भलीभांती जानते हैं और उनकी कोशिश इसमें सुधार करने की होगी। टीम अंकतालिका में आठ अंकों के साथ छठवें पर है और उसे अंतिम चार में पहुंचने के लिए यहां से हर मैच जीतने की जरूरत है।

टीमें (संभावित) :

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर : विराट कोहली (कप्तान), शेन वाटसन, स्टुअर्ट बिन्नी, केन रिचर्डसन, सैमुएल बद्री, ट्रेविस हेड, प्रवीण दुबे, विक्रमजीत मलिक, इकबाल अब्दुल्ला, सचिन बेबी, अक्षय कारनेवार, विकास टोकस, के.एल. राहुल, परवेज रसूल, अबु नेचीम, हर्षल पटेल, एस.अरविन्द, वरुण एरॉन, यजुवेन्द्र चहल, अब्राहम डिविलियर्स, डेविड वीज, एडम मिलने, क्रिस गेल, क्रिस जोर्डन।

गुजरात लायंस : सरबजीत लड्डा, अक्षयदीप नाथ, अमित मिश्रा, ड्वेन ब्रावो, पारस डोगरा, एकलव्य द्विवेदी, जेम्स फॉल्कनर, एरॉन फिंच, इशान किशन, रविन्द्र जडेजा, शादाब जकाती, दिनेश कार्तिक, शिविल कौशिक, धवल कुलकर्णी, प्रवीण कुमार, ब्रेंडन मैक्लम, प्रदीप सांगवान, जयदेव शाह, उमंग शर्मा, ड्वेन स्मिथ, डेल स्टेन, प्रवीण ताम्बे, एंड्रयू टाय।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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