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प्रादेशिक

सिंहस्थ कुंभ : दूसरा शाही स्नान जारी, साधुओं ने जताई नाराजगी

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सिंहस्थ कुंभ : दूसरा शाही स्नान जारी, साधुओं ने जताई नाराजगी

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सिंहस्थ कुंभ : दूसरा शाही स्नान जारी, साधुओं ने जताई नाराजगी

उज्जैन| मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ कुंभ का सोमवार को दूसरा शाही स्नान चल रहा है। विभिन्न अखाड़े तय समय पर निर्धारित घाटों पर पहुंचकर स्नान कर रहे हैं। दूसरे शाही स्नान की शुरुआत जूना अखाड़ा के साधु-संतों द्वारा दत्त अखाड़ा घाट पर डुबकी लगाने से हुई। वहीं पुलिस व्यवस्था से हुई परेशानी के चलते कुछ साधुओं ने विरोध दर्ज कराया है। सिंहस्थ के दूसरे शाही स्नान पर हर तरफ श्रद्घालुओं का जनसैलाब उमड़ा हुआ है। परंपरा के मुताबिक सबसे पहले अखाड़े स्नान करते हैं और उसके बाद ही आम जन को स्नान करने की अनुमति मिलती है। उसी के तहत विभिन्न अखाड़ों के प्रतिनिधि स्नान कर रहे हैं।

अखाड़ों के स्नान के दौरान कुछ स्थानों पर सुरक्षा के नाम पर साधु-संतों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इसी के चलते कई साधुओं ने रामघाट पर खुलकर अपनी नाराजगी जताई। जिले के प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह और पुलिस महानिरीक्षक वी. मधुकुमार इन साधुओं को मनाने में लगे हुए हैं, मगर साधु अपनी जिद पर अड़े हुए हैं।

दूसरे शाही स्नान पर सोमवार सुबह से ही अखाड़ा क्षेत्रों से निकली साधु-संतों की टोलियों से उज्जैन की हर सड़क पर धर्म और संस्कृति के रंग बिखर गए हैं। हाथ में भाला, पताकाएं लिए चल रहे साधु-संतों की टोलियां द्वारा ‘जय महाकाल’ और ‘हर हर क्षिप्रा’ के जयघोष से पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया।

उज्जैन के प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि पहले शाही स्नान और अब दूसरे शाही स्नान में भी सभी 13 अखाड़े स्नान कर रहे हैं। ऐसे कम ही मौके आए हैं जब सभी 13 अखाड़ों ने स्नान किया हो। दूसरे शाही स्नान में सिंह ने रिकॉर्ड श्रद्घालुओं के पहुंचने का दावा किया है।

सिंहस्थ का दूसरा शाही स्नान अक्षय तृतीया के दिन होने के कारण बड़ी संख्या में आमजन यहां पहुंचकर क्षिप्रा नदी में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित करना चाहते हैं। यही कारण है कि देश के विभिन्न स्थानों से हजारों श्रद्घालु रविवार की रात से ही उज्जैन पहुंचने लगे थे।

ज्ञात हो कि सिंहस्थ कुंभ की शुरुआत 22 अप्रैल को पहले शाही स्नान से हुई थी। इस शाही स्नान में हुई कुछ अव्यवस्थाओं के चलते साधु-संतों ने सख्त नाराजगी जताई थी। उसके बाद प्रशासन ने व्यवस्थाओं में सुधार का वादा किया था। उस वादे के मुताबिक ही व्यवस्थाओं मे सुधार किया गया है।

अखाड़ा परिषद के नरेंद्र गिरी ने भी कहा है कि पिछले शाही स्नान की तुलना में इस बार की व्यवस्थाएं बेहतर हैं। साधु-संतों को किसी तरह की असुविधा नहीं हो रही है।

दूसरे शाही स्नान में हिस्सा लेने राजस्थान के झुंझुनू जिले की कविता ने कहा, “हम अक्षय तृतीया के पर्व पर स्नान करने के लिए पांच दिन पहले ही उज्जैन आ गए थे। महाकाल भगवान के दर्शन करने की इच्छा थी, आज महाकाल भगवान के दर्शन कर जीवन पवित्र हो गया।”

बिहार के रोहतास जिले से आए रविन्द्र सिंह, दिलीप कुमार और धनंजय पांडे ने बताया कि वे अपने परिवार सहित 20 अन्य लोगों के साथ उज्जैन आए हैं। मोक्षदायिनी क्षिप्रा में स्नान के बाद काफी भीड़ होने पर भी बड़ी सरलता से महाकाल के दर्शन हो गए।

उत्तराखंड

चारधाम यात्रा में 31 मई तक VIP दर्शन पर रोक, ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 19 मई तक बंद

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हरिद्वार। अगर आप भी चारधाम यात्रा पर जा रहे हैं तो ये खबर आपके लिए काफी अहम है। चारधाम यात्रा में VIP दर्शन व्यवस्था पर रोक लगा दी गई है। लोग 31 मई तक VIP सिस्टम के तहत दर्शन नहीं कर पाएंगे। वहीं ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी 19 मई तक बंद रहेंगे। खराब मौसम और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।

चार धाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई थी। छह दिन में ही देश-विदेश के 3,34,732 श्रद्धालु इनके दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। उत्तराखंड सरकार ने यात्रा के लिए 25 अप्रैल से चारधामों के लिए पंजीकरण शुरू किया और गुरुवार तक 27 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पंजीकरण हो गए।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पत्र जारी कर 31 मई तक वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी है। यह भी कहा है कि धामों में सुगम दर्शन के लिए सरकार ने श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य किया है। अब दर्शन उसी दिन होंगे जिस तिथि का पंजीकरण किया गया है। इससे पहले 30 अप्रैल को राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर 25 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था पर रोके जाने का आदेश दिया था।

50 मीटर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध

उत्तराखंड सरकार ने भीड़ प्रबंधन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसमें 50 मीटर के दायरे में चारों धामों के मंदिर के परिसर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही सोशल मीडिया लाइव आदि पर भी रोक लगा दी गई है। सरकार ने कहा है कि कुछ यात्रियों द्वारा मंदिर परिसर में वीडियो एवं रील बनायी जाती है और उन्हें देखने के लिए एक स्थान पर भीड़ एकत्रित हो जाती है जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में असुविधा होती है ।

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