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उत्तराखंड में वनाग्नि पर काबू पाने में जुटा वायुसेना व एनडीआरएफ

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उत्तराखंड में वनाग्नि, वायुसेना व एनडीआरएफ, एमआई-17 हेलीकॉप्टर, भीमताल और आसपास के क्षेत्र

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उत्तराखंड में वनाग्नि, वायुसेना व एनडीआरएफ, एमआई-17 हेलीकॉप्टर, भीमताल और आसपास के क्षेत्र

fire in uttarakhand forest

देहरादून| उत्तराखंड में रविवार को भीमताल में एमआई-17 हेलीकॉप्टर से झील से पानी लेकर आसपास के जंगलों में कृत्रिम बरसात कराई गई। उधर, अल्मोड़ा व नैनीताल में जंगलों में लगी आम पर काबू पाने के लिए एनडीआरएफ के 40 जवानों की टुकड़ी पहुंच गई है। नैनीताल जिला प्रशासन ने भीमताल और आसपास के क्षेत्रों के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए हेलीकप्टर मंगाया, जिससे रविवार को जंगलों पर कृत्रिम बरसात कराई गई। शनिवार को भी एमआई-17 ने भीमताल झील से पानी लेकर जंगल में लगी आग बुझाई थी। इसके अलावा जिला प्रशासन ने पैराग्लाइडिंग पर तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक रोक लगा दी है।

रविवार की सुबह हनुमानगढ़ी से अभियान शुरू हुआ। एयरफोर्स की यह टीम सरसावा (सहारनपुर) से आई है। नैनीताल जिले समेत कुमाऊं में पहाड़ी जिलों के अधिकांश जंगल धधक रहे हैं। नैनीताल डीएम दीपक रावत ने बताया कि एयरफोर्स की टीम में सात लोग आए हैं और एक एमआई-17 हेलीकप्टर आया है। वन और एसडीएम नैनीताल समेत अन्य अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इधर, अल्मोड़ा में भी जंगलों में लग रही आग बुझाने को एनडीआरएफ के 40 जवानों की टुकड़ी अल्मोड़ा पहुंच गई है। जवानों के अल्मोड़ा पहुंचने के बाद जिलाधिकारी सविन बंसल ने आपदा प्रबंधन वन और पुलिस विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। डीएम ने बताया कि रसोइया एवं वाहन चालक समेत चार जवानों को आग बुझाने के ऑपरेशन से बाहर रखा जाएगा। शेष 36 जवानों को छह-छह की संख्या में बांट कर छह टोलियां बनाई गई हैं।

नेशनल

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता व ग्वालियर राज घराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया है। उनका इलाज पिछले दो महीनों से दिल्ली के एम्स में चल रहा था। आज सुबह 9.28 बजे उन्होंने दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली।

हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया था कि, राजमाता माधवी राजे को सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें 15 फरवरी को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। इसी साल 6 मार्च को भी उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। उस समय भी उनकी हालत नाजुक थी और उनको लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम पर रखा गया था।

पहली बार 15 फरवरी को माधवी राजे की तबीयत बिगड़ी थी, उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उसके बाद से ही उनकी हालत नाजुक बनी हुई थे। वे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थीं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुछ समय पहले यह जानकारी शेयर की थी।

नेपाल राजघराने से माधवीराजे सिंधिया का संबंध है। उनके दादा शमशेर जंग बहादुर राणा नेपाल के प्रधानमंत्री थे। कांग्रेस के दिग्गज नेता माधवराव सिंधिया के साथ माधवी राजे के विवाह से पहले प्रिंसेस किरण राज्यलक्ष्मी देवी उनका नाम था। साल 1966 में माधवराव सिंधिया के साथ उनका विवाह हुआ था। मराठी परंपरा के मुताबिक शादी के बाद उनका नाम बदलकर माधवीराजे सिंधिया रखा गया था। पहले वे महारानी थीं, लेकिन 30 सितंबर 2001 को उनके पति और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया के निधन के बाद से उन्हें राजमाता के नाम से संबोधित किया जाने लगा।

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