मुख्य समाचार
जेल के अंदर नहीं चली विधायक की दबंगई
सिफारिशों के बाद भी बैरंग वापस किए गए दर्जनों असरदार समर्थक
राकेश यादव
लखनऊ। अवैध निर्माण घ्वस्तीकरण की कार्रवाई में विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से हाथपाई करने वाले सपा से निष्कासित विधायक रामपाल यादव ने जेल में भी अधिकारियों को दबाव में लेने का प्रयास किया। जेल के साप्ताहिक अवकाश के दिन दबंग विधायक ने समर्थकों से मुलाकात करने का प्रयास किया। यह अलग बात है कि जेल प्रशासन के अधिकारियों ने उनकी एक नहीं सुनी और अवकाश का हवाला देते हुए मुलाकात करने आए समर्थकों को बैरंग वापस कर दिया। एहतियात के तौर पर जेल प्रशासन के अधिकारियों ने विधायक समर्थक हंगामा न कर सके इसके लिए मुख्य प्रवेश गेट को बंद करा दिया। उधर जेल प्रशासन ने विधायक की दबंगई को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को चाक चैबंद कर दिया है। किसी भी बाहरी व्यक्ति को पूछताछ के बाद ही जेल परिसर में प्रवेश दिया जा रहा है।
बवाल की आशंका से जेल प्रशासन ने बंद कराया मुख्य प्रवेश गेट
विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ मारपीट, बवाल करने के आरोपी बिसंवा सीतापुर के दबंग विधायक रामपाल यादव समेत आठ लोगों को शनिवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया। जेल पहुंचते ही दबंग विधायक ने जेल प्रशासन के अधिकारियों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। सबसे पहले दबंग विघायक ने जेल अधिकारियों से जनप्रतिनिधि होने का हवाला देते हुए बड़ा गेट खोलने की बात कही। इसे जेल प्रशासन के अधिकारियों ने नकार दिया। सूत्रों का कहना है कि जेलों में शनिवार के लिए साप्ताहिक अवकाश रहता है। इस दिन किसी भी बाहरी व्यक्ति की जेल के बंदी से मुलाकात नहीं कराई जाती है। साप्ताहिक अवकाश होने के बावजूद सुबह से ही विधायक के समर्थकों का जेल परिसर में जमावड़ा लगने लगा। इसकी जानकारी होने पर जेल में बंद विधायक ने जेल प्रशासन के अधिकारियों से भेंट कराने के लिए दबाब बनाया तो उन्होंने अवकाश होने की बात कहते हुए कल बुलाने की बात कही। इस पर वह अधिकारियों पर बिफर गए और जनप्रतिनिधि होने की बात कहकर भेंट कराने की बात पर अड़ गए। इसके बावजूद भी जेल प्रशासन के अधिकारी विधायक की मुलाकात कराने पर सहमत नहीं हुए। जेल प्रशासन की सख्ती के आगे दबंग विघायक का नतमस्तक होना पड़ा।
नेशनल
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता व ग्वालियर राज घराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया है। उनका इलाज पिछले दो महीनों से दिल्ली के एम्स में चल रहा था। आज सुबह 9.28 बजे उन्होंने दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली।
हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया था कि, राजमाता माधवी राजे को सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें 15 फरवरी को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। इसी साल 6 मार्च को भी उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। उस समय भी उनकी हालत नाजुक थी और उनको लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम पर रखा गया था।
पहली बार 15 फरवरी को माधवी राजे की तबीयत बिगड़ी थी, उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उसके बाद से ही उनकी हालत नाजुक बनी हुई थे। वे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थीं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुछ समय पहले यह जानकारी शेयर की थी।
नेपाल राजघराने से माधवीराजे सिंधिया का संबंध है। उनके दादा शमशेर जंग बहादुर राणा नेपाल के प्रधानमंत्री थे। कांग्रेस के दिग्गज नेता माधवराव सिंधिया के साथ माधवी राजे के विवाह से पहले प्रिंसेस किरण राज्यलक्ष्मी देवी उनका नाम था। साल 1966 में माधवराव सिंधिया के साथ उनका विवाह हुआ था। मराठी परंपरा के मुताबिक शादी के बाद उनका नाम बदलकर माधवीराजे सिंधिया रखा गया था। पहले वे महारानी थीं, लेकिन 30 सितंबर 2001 को उनके पति और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया के निधन के बाद से उन्हें राजमाता के नाम से संबोधित किया जाने लगा।
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