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अन्तर्राष्ट्रीय

ट्रंप अपनाएंगे ‘अमेरिका प्रथम’ विदेश नीति

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ट्रंप अपनाएंगे 'अमेरिका प्रथम' विदेश नीति

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ट्रंप अपनाएंगे 'अमेरिका प्रथम' विदेश नीति

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उम्मीदवारी की दौड़ में आगे चल रहे डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को दिए अपने एक संबोधन में कहा कि उनकी विदेश नीति ‘अमेरिका प्रथम’ पर केंद्रित होगी, जिसका अर्थ यह है कि इसमें अमेरिकी नागरिकों के हितों तथा देश की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। ट्रंप ने मंगलवार को पांच राज्यों- पेन्सिलवेनिया, मेरीलैंड, कनेक्टिकट, डेलवेयर तथा रोडे आइलैंड में हुई प्राइमरी में शानदार जीत दर्ज करने के बाद बुधवार को दिए अपने एक संबोधन में कहा, “मेरी विदेश नीति में हमेशा अमेरिकी नागरिकों के हितों और अमेरिका की सुरक्षा को तवज्जो दी जाएगी। मेरे प्रशासन का मुख्य थीम ‘अमेरिका प्रथम’ होगा।”

ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा और पूर्व विदेश मंत्री तथा डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवारी की दौड़ में आगे चल रहीं हिलेरी क्लिंटन की आलोचना करते हुए कहा कि आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के उभरने में किसी न किसी रूप में इन दोनों का भी योगदान है।

ट्रंप ने यह भी कहा कि यदि वह राष्ट्रपति निर्वाचित होते हैं तो बहुत जल्द आईएस का सफाया कर दिया जाएगा। बकौल ट्रंप, आईएस के अब गिने-चुने दिन रह गए हैं।

अपने संबोधन में अमेरिका के रियल स्टेट कारोबारी ने अमेरिकी सेना की खराब हालत का भी जिक्र किया और राष्ट्रपति ओबामा पर रक्षा बजट घटाने का आरोप लगाया।

ट्रंप ने कहा, “हमारी सेना को मजबूत बनाने के लिए जो कुछ भी आवश्यक होगा, हम करेंगे। हमें हमारी सेना के प्रभाव को लेकर किसी को भी सवाल करने का अवसर नहीं देना होगा।”

ट्रंप ने यह भी कहा कि वह आवश्यक पड़ने पर अमेरिकी सेना का इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कहा, “कोई विकल्प नहीं होने की स्थिति में मैं सैन्य बलों को तैनात करने से संकोच नहीं करूंगा। लेकिन यदि अमेरिका लड़ता है तो इसे जीतने के लिए लड़ना होगा।”

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कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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