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मुख्य समाचार

कन्हैया पर जुर्माना, उमर व अनिर्बान निष्कासित

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जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर, कश्मीर पर हुए एक विवादित कार्यक्रम, जांच से जुड़ी एक समिति, जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर जुर्माना, उमर खालिद अनिर्बान भट्टाचार्य एक सेमेस्टर के लिए निष्कासित, मुजीब गट्टो दो सेमेस्टर के लिए निष्कासित

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जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर, कश्मीर पर हुए एक विवादित कार्यक्रम, जांच से जुड़ी एक समिति, जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर जुर्माना, उमर खालिद अनिर्बान भट्टाचार्य एक सेमेस्टर के लिए निष्कासित, मुजीब गट्टो दो सेमेस्टर के लिए निष्कासित

नई दिल्ली| जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में कश्मीर पर हुए एक विवादित कार्यक्रम की जांच से जुड़ी एक समिति ने जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर सोमवार को 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया, जबकि उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य को एक सेमेस्टर के लिए तथा मुजीब गट्टो को दो सेमेस्टर के लिए निष्कासित कर दिया। विश्वविद्यालय के एक आदेश के मुताबिक, खालिद व भट्टाचार्य को इस अकादमिक सत्र का एक सेमेस्टर गंवाना पड़ेगा, जबकि गट्टो का दो सेमेस्टर नुकसान होगा। जेएनयू द्वारा गठित एक जांच समिति द्वारा कदाचार व अनुशासनहीनता का दोषी पाए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई है। चीफ प्रॉक्टर ने कहा, “खालिद, भट्टाचार्य व गट्टो को ‘अ कंट्री विदाउट अ पोस्ट ऑफिस’ नामक कविता पाठ के बहाने विरोध-प्रदर्शन करने का दोषी पाया गया।” आदेश के मुताबिक, खालिद पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

खालिद ने कहा, “लगता है कि हमें निष्कासित किया गया है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन से अभी तक इस बाबत हमें कोई सूचना नहीं मिली है। हमने सिर्फ प्रेस विज्ञप्ति पढ़ी है। उसमें नाम नहीं है, लेकिन इसका अनुमान लगाना कठिन नहीं है।” जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर केवल जुर्माना लगाया गया है। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय परिसर में इस साल नौ फरवरी को एक विवादित कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर लगे राष्ट्रविरोधी नारों के मामले में कन्हैया कुमार, उमर खालिद तथा अनिर्बान भट्टाचार्य पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। दिल्ली पुलिस ने उस वक्त दावा किया था कि उसके पास कन्हैया कुमार व अन्य छात्रों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं, लेकिन वे उसे न्यायालय के समक्ष पेश करने में नाकाम साबित हुए थे, जिसके कारण उन्हें जमानत मिल गई थी।

नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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