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खेल-कूद

केरल में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन बड़ी चुनौती

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तिरुवनंतपुरम| अगले वर्ष केरल में होने वाले राष्ट्रीय खेलों का 35वां संस्करण शुरू होने में मुश्किल से कुछ सप्ताह रह गए हैं, लेकिन इस बेहद अहम टूर्नामेंट को लेकर आयोजकों के सामने अभी भी कई तरह की चुनौतियां बनी हुई हैं।

राष्ट्रीय खेलों मुख्य आयुक्त जैकब पुनूज का कहना है कि राष्ट्रीय खेलों के सुचारु संचालन में अनेक व्यावहारिक समस्याएं हैं, लेकिन ये समस्याएं ऐसी नहीं हैं जिनका समाधान न निकाला जा सके।

35वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन 31 जनवरी से 14 फरवरी के बीच राज्य के सात जिलों में 30 आयोजन स्थलों पर किया जाएगा और टूर्नामेंट में 11,000 खिलाड़ियों और 2,500 खेल अधिकारियों के हिस्सा लेने की उम्मीद है।

पुनूज ने आईएएनएस से कहा, “राष्ट्रीय खेलों का आयोजन सफल बनाने के लिए सभी आवश्यक उपाय अपनाए जा रहे हैं। सबसे बड़ी समस्या यह है कि अभी निशानेबाजी उपकरणों के अतिरिक्त शेष सभी खेलों के उपकरण नहीं पहुंच सके हैं। लेकिन सबसे अच्छी बात यह है कि हमने दुनिया के अग्रणी खेल सामग्री आपूर्तिकर्ता से करार किया है और उनके पेशेवर रवैये पर संदेह नहीं किया जा सकता। खेलों के दौरान खिलाड़ियों द्वारा उपयोग के लिए 35 करोड़ रुपयों के उपकरण मंगाए गए हैं।”

राष्ट्रीय खेलों के पिछले संस्करणों से तुलना करते हुए पुनूज ने कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसी राज्य के विभिन्न शहरों में इसका आयोजन किया जा रहा है, इसलिए समस्याएं भी पिछली बार की अपेक्षा अधिक हैं।

आयोजकों ने 35वें राष्ट्रीय खेलों पर कुल 611 करोड़ रुपये लागत आने का अनुमान लगाया गया है, जिसमें से 465.5 करोड़ रुपये आधारभूत संरचना के निर्माण पर खर्च होने हैं।

केरल के पूर्व पुलिस महानिदेशक पुनूज ने कहा, “15 जून के बाद से लगातार बारिश के कारण हमें लगातार तीन दिन भी खिली धूप नहीं मिल सकी। इसके कारण हमें कई आयोजन स्थलों पर कृत्रिम कोर्ट लगाने में समस्या का सामना करना पड़ा और हमें आशा है कि आने वाले दिनों में धूप निकलने पर हम टेनिस कोर्ट, एथलेटिक्स अभ्यास कोर्ट और हॉकी स्टेडियम में कृत्रिम कोर्ट बिछा सकेंगे।”

आयोजकों के सामने इसके बाद सबसे बड़ी समस्या लाल फीताशाही के कारण सरकारी प्रक्रियाओं में होने वाली देरी से बचने की है।

पुनूज ने कहा, “सभी प्रक्रियाओं का हरसंभव पालन किया जा रहा है, लेकिन प्रत्येक बारिकी का अक्षरश: पालन नहीं किया जा सकता। टूर्नामेंट की विशालता भी बहुत बड़ी परेशानी है और सभी खिलाड़ियों को उनके आवास से आयोजन स्थल तक ले जाने और से लाने के लिए हमें अलग-अलग तरह के कम से कम 1200 वाहनों की जरूरत पड़ेगी।”

उन्होंने बताया कि प्रत्येक पंजीकरण केंद्र के डिजिटलीकृत न होने के कारण भी समस्या आ रही है और इसके कारण अब तक 25 फीसदी खिलाड़ियों को सूचीबद्ध नहीं किया जा सका है।

तमाम समस्याओं के बावजूद उन्हें पूरा विश्वास है कि राष्ट्रीय खेलों का यह 35वां संस्करण अविस्मरणीय साबित होगा।

खेल-कूद

सचिन तेंदुलकर की सुरक्षा में तैनात जवान ने खुद को गोली मारकर की आत्महत्या

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मुंबई। सचिन तेंदुलकर की सुरक्षा में तैनात राजकीय रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) के एक जवान ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। सीआरपीएफ जवान प्रकाश गोविंदा कापड़े जामनेर के गणपती नगर में अपने घर छुट्टी पर आए थे। उन्होंने कथित तौर पर खुद अपने गले में आधी रात के बाद गोली मारी। जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई।

पुलिस सुत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यह घटना करीब 2 बजे हुई। मृतक के आत्महत्या करने के पीछे का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। इस घटना के बारे में जब पुलिस से बातचीत कई गई तो पुलिस ने बताया कि यह घटना 14 मई की रात की है। उसने आत्महत्या क्यों की इसके कारण अभी स्प्ष्ट नहीं हो पाए हैं। मगर प्राथमिकी जांच में लगता है कि कापड़े ने कुछ निजी कारणों से खुद को गोली मारी मगर अभी हम पूरी जांच का इंतजार कर रहे हैं।

पुलिस ने आगे बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। इसके अलावा जामनेर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और इसके साथ ही मृतक के परिवार के लोगों, उसके सहकर्मियमों और अन्य जान पहचाने के लोगों के पूछताछ शुरु कर दी गई है। आपको बता दें कि मृतक प्रकाश कापड़े मंत्री छगन भुजबल और नारायण राणे के बॉडीगार्ड के तौर पर भी काम कर चुके हैं।

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