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बिजनेस

एशिया के सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री चुने गए अरुण जेटली

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नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली को लंदन की प्रत्रिका ‘इमर्जिंग मार्केट्स’ की ओर से ‘फाइनेंस मिनिस्टर ऑफ द ईयर, एशिया’ पुरस्कार के लिए चुना गया है। इससे पहले ये पुरस्कानर 2010 में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को मिला था।

पत्रिका ने एक लेख में लिखा है कि पिछले 18 महीनों के दौरान भारत की आर्थिक सफलता के मामले में जेटली को भी कुछ सम्मान मिलना चाहिए। लेख में कहा गया है कि भारत को आर्थिक क्षेत्र में हासिल सफलता के लिए ज्यादा श्रेय पीएम नरेंद्र मोदी को गया है। पत्रिका ने कहा है कि लेकिन वित्त मंत्री जेटली भी कुछ सम्मान के पात्र हैं, भारत की वित्तीय दिशा के बारे में उनके फैसले और बेहतर प्रबंधन के बिना, भारत वह हासिल नहीं कर सकता था जो उसने पाया है।

आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन को पिछले साल इसी पत्रिका द्वारा एशिया के ‘सैंट्रल बैंक गवर्नर ऑफ द ईयर’ के सम्मान से नवाजा गया था।

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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