Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

ग्रीस : कर्ज समझौते पर ऐतिहासिक जनमत संग्रह

Published

on

एथेंस,ग्रीस,ऐतिहासिक जनमत संग्रह, अंतर्राष्ट्रीय कर्जदाताओं,अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष,प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिप्रास

Loading

एथेंस | ग्रीस में मतदाता रविवार को ऐतिहासिक जनमत संग्रह प्रक्रिया में हिस्सा ले रहे हैं। यह जनमत संग्रह अंतर्राष्ट्रीय कर्जदाताओं के साथ संभावित अगले कर्ज समझौते पर उसकी शर्तो को लेकर कराया जा रहा है। समाचार एजेंसी एएनए-एमपीए ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि देशभर के विभिन्न मतदान केंद्रों पर बिना किसी बाधा के मतदान चल रहा है। ग्रीस के राष्ट्रपति प्रोकोपिस पावलोपौलस ने ग्रीसवासियों से रविवार के मतदान के नतीजों की परवाह नहीं करते हुए एकजुट रहने की अपील की।

ग्रीस के आंतरिक मामलों और प्रशासनिक सुधार मंत्रालय ने बताया कि इस जनमत संग्रह में ग्रीस के लगभग 85 लाख लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं। समाचार एजेंसी ‘टीएएसएस’ के मुताबिक, इस मतदान को तभी वैध समझा जाएगा, जब इसमें कम से कम 40 प्रतिशत पंजीकृत मतदाता हिस्सा लेंगे। मतदान केंद्र सुबह सात बजे खुल गए और शाम सात बजे (भारतीय समयानुसार रात 9.30 बजे) मतदान समाप्त होना है। इस जनमत संग्रह में ग्रीस के दिवालिया (डिफॉल्ट) होने का संकट टलने या फिर देश के यूरोक्षेत्र से बाहर होने पर फैसला होगा। ग्रीस के प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिप्रास ने जनमत संग्रह से पहले सभी देशवासियों से मितव्ययी सुधारों के लिए कर्जदाताओं के प्रस्तावों के खिलाफ मतदान करने का आह्वान किया।

सिप्रास का कहना है कि कर्जदाताओं के प्रस्ताव पूर्ण यूरोपीय नियमों और रोजगार के अधिकार, समानता और सम्मान का स्पष्ट उल्लंघन है। ग्रीस के प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिप्रास ने नागरिकों से जनमत संग्रह में ‘नहीं’ के पक्ष में मतदान करने को कहा है। उनका कहना है कि इससे कर्जदाताओं के साथ कर्ज संबंधी वार्ता में सरकार को मजबूती मिलेगी। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुताबिक, ग्रीस कर्ज संकट अस्थाई है। ग्रीस को कर्ज राहत के लिए सुधार कदम अपनाने की जरूरत है। इसके साथ ही 2018 तक 50 अरब यूरो यानी 5.5 अरब डॉलर के नए वित्तीय पैकेज की जरूत है। जनमत संग्रह से एक दिन पहले ग्रीस के वित्त मंत्री यानिस वारोफाकिस ने कर्जदाताओं पर ग्रीस के साथ आतंकवादी जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि जनमत संग्रह में ‘न’ के पक्ष में वोट देने से ग्रीस यूरोक्षेत्र से बाहर हो सकता है।

ऑस्ट्रिया के वित्त मंत्री हैंस जॉर्ज स्कीलिंग ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि ग्रीसवासी कर्ज संकट सुलझाने के लिए यूरोपीय आयोग, यूरोपीय केंद्रीय बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मसौदा समझौते के पक्ष में मतदान करेंगे। उन्होंने कहा, “मुझे आशा है कि सामान्य समझ की जीत होगी, क्योंकि ग्रीस के लोग जानते हैं कि सिर्फ यूरो का भविष्य ही सवालों के घेरे में नहीं है, बल्कि यह ग्रीस के खुद के भविष्य से भी जुड़ा हुआ है।” स्कीलिंग ने कहा, “हम लंबे समय से ग्रीसवासियों को रियायतें दे रहे हैं और हम अभी भी उनकी मदद कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि ग्रीस सरकार जैसे ही अपनी मंशा स्पष्ट करेगी, ईयू उसके साथ बातचीत बहाल कर देगा।”

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

Published

on

Loading

नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

Continue Reading

Trending