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अग्नि-5 का तीसरी बार सफल परीक्षण, सेना में होगी शामिल

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अग्नि-5 का तीसरी बार सफल परीक्षण, सेना में होगी शामिल

नई दिल्ली। ओडिशा के कलाम द्वीप तट से भारत ने अग्नि-5 का तीसरी बार सफल परीक्षण किया। इसका प्रथम परिक्षण 2012 में किया गया था। अग्नि-5 5000 किलोमीटर तक मार सकती है। परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम भारत की अब तक की सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली ये मिसाइल 1000 किलोग्राम तक के आयुध के साथ हमला कर सकती है।

अग्नि-5 चीन और पाकिस्तान के काफी अंदर तक हमला करने में सक्षम है। इस मिसाइल के जद में चीन का हांगकांग तक का है। अग्नि-5 की निर्माण भारत के डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन ने किया है। मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रेजिम का सदस्य बनने के बाद भारत ने पहली बार किसी मिसाइल का परीक्षण किया है।

सतह से सतह पर मार करने वाली अग्नि-5 के तीन परीक्षण पहले भी हो चुके हैं। कुछ अन्य परीक्षण के बाद ये भारतीय सेना का हिस्सा बन जाएगी। वैज्ञानिकों के अनुसार भारत की अग्नि शृंखला की इस अत्याधुनिक मिसाइल से सैन्य रूप से भारत की शक्ति काफी बढ़ जाएगी। एमटीसीआर में दुनिया के 35 प्रमुख देश सदस्य हैं। एमटीसीआर मानवरहित परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइलों पर निगरानी रखता है। अग्नि-5 की चीन और पाकिस्तान समेत लगभग पूरे एशिया और यूरोप तक हमला करने में सक्षम है।

किसी भी परिस्थिति में वार करने में सक्षम

बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-5 ठोस प्रोपेलेंट से संचालित होती है। ये मिसाइल किसी भी मौसम और किसी भी भौगोलिक स्थिति में प्रक्षेपित की जा सकती है। अग्नि-5 की लंबाई 17 मीटर है। इसका वजन करीब 50 टन है। ये काफी तेज और अत्याधुनिक तकनीक से लैस है। अग्नि-5 मिसाइल ‘दागो और भूल जाओ’ सिद्धांत के तहत काम करती है। इसके बैलेस्टिक पथ के कारण इसे पकडऩा दुश्मन के लिए आसान नहीं होगा।

भारतीय सेना के पास अग्नि-1, अग्नि-2, अग्नि-3 और अग्नि-4 मिसाइल पहले ही मौजूद हैं। भारतीय सेना के पास सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस भी है। इस शृंखला की मिसाइल में अग्नि-1 700 किलोमीटर, अग्नि-2 2000 किमी, अग्नि-3 2500 किमी और अग्नि-4 3500 किमी तक मार कर सकती हैं। भारत ने अग्नि-5 को ‘शांति का अस्त्र’ बताया है। भारत ने अग्नि शृंखला की पहली मिसाइल 1989 में इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईजीएमडीपी) के तहत बनाई थी।

अग्नि-5 के परिक्षण पर चीन कई बार आपत्ति विश्व पटल पर दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि भारत ने इस मिसाइल की मारक क्षमता विश्व को गलत बताया है। जो शंति के लिए खतरा है।

 

नेशनल

पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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