प्रादेशिक
विधानसभा चुनाव एग्जिट पोल में बीजेपी को भारी नुकसान, तीन राज्यों में कांग्रेस बना सकती है सरकार!
नई दिल्ली। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे 11 दिसंबर को आने हैं लेकिन उससे पहले आए एग्जिट पोल ने सियासी दलों में हलचल मचा दी है।
शुक्रवार को कई बड़ी एजेंसियों के एग्जिट पोल में बीजेपी के लिए बुरी खबर आई है। इन एग्जिट पोल में बीजेपी की सीटें बड़ी संख्या में कम होती दिख रही हैं।
अगर मध्य प्रदेश की बात करें तो यहां शिवराज सिंह की सरकार की वापसी होती नहीं दिख रही है। इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के सर्वे में बीजेपी को 111 सीट मिलने का अनुमान लगाया गया है जबकि कांग्रेस की सीटों में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है।
पोल के मुताबिक इस बार कांग्रेस को 113 सीटें मिल सकती हैं। हालांकि बहुमत के आंकड़े से दोनों ही दल दूर हैं लेकिन अगर आजतक-एक्सिस माई इंडिया का सर्वे सही साबित हुआ तो राज्य में कांग्रेस सरकार बनाने का दावा कर सकती है।
वहीं राजस्थान की एग्जिट पोल की बात करें तो लगभग हर सर्वे में कांग्रेस की सरकार बनती नजर आ रही है। आजतक के एग्जिट पोल के मुताबिक कांग्रेस को 130 सीट मिलने का अनुमान लगाया गया है वहीं मध्य प्रदेश की तरह यहां भी बीजेपी की वापसी मुश्किल लग रही है पोल में यहां बीजेपी को 63 सीट मिलने का अनुमान लगाया गया है।
एग्जिट पोल के मुताबिक छत्तीसगढ़ में भी बीजेपी का यही हाल है। यहां भी रमन सिंह अपना करिश्मा दोहराते हुए नहीं दिख रहे हैं। यहां कांग्रेस को 90 में से 60 सीट मिलने का अनुमान है वहीं बीजेपी पोल में महज 26 सीटों पर सिमटती दिख रही है।
इन एग्जिट पोल में गौर करने वाली बात यह है कि तीनों राज्यों में इस समय बीजेपी की सरकार है। राजनीतिक विशेषज्ञ इन चुनावों को लोकसभा चुनाव के सेमाफाइनल के रूप में देख रहे थे।
अगर एग्जिट पोल के आंकड़े सही साबित हुए तो 2019 में होने आम चुनाव में कांग्रेस को संजीवनी मिल जाएगी। अब देखना दिलचस्प होगा कि 11 दिसंबर को आने वाले नतीजे एग्जिट पोल को सही साबित करते हैं या नहीं।
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बेंगलुरु इस्कॉन मंदिर में मनाया जा रहा है 25वीं रजत जयंती का ब्रम्ह महोत्सव
लखनऊ। बेंगलुरु “इस्कॉन मंदिर” में भगवान और समाज की सेवा की “25वीं रजत जयंती” के वर्षों को 21 अप्रैल से 03 मई तक चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का अविस्मरणीय अलौकिक दिव्य-भव्य “ब्रम्ह महोत्सव” पूजा-अर्चना समारोह आयोजित* हुआ है।
इस दरम्यान *प्रभु मधु पंडित व प्रभु चंचल पति , प्रभु लक्ष्मीपति और प्रभु अनंतवीर्य ने अपने-अपने विचारों से अवगत कराया।
सभी भक्तों को बताया कि *प्रभु पाद जी के त्याग और समर्पण भाव से प्रेरणा* लेनी चाहिए। उन्होंने साथ ही यह भी बताया गृहस्थ जीवन में भी सभी को नियमित ब्रम्हमुहूर्त में महामंत्र का जाप करना चाहिए। श्रीकृष्ण जी की गीता वाणी का अध्ययन करके अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। इस्कॉन मंदिर में काफी संख्या में भक्तगण राधा कृष्ण का दर्शन करके प्रसादम् और आशीर्वाद लेते हैं। संध्या काल में राधा-कृष्ण पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। मंदिर में अन्य दिनों की अपेक्षा प्रत्येक शनिवार और रविवार को सभी आयु वर्गों के भक्तों की अत्यधिक उपस्थिति रहती है।
*बेंगलुरु में इस्कॉन मंदिर श्री कृष्ण भगवान और समाज की सेवा के 25वीं रजत जयंती के वर्षों को चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का “ब्रम्ह महोत्सव का उत्सव” 21 अप्रैल से 03 मई तक मनाया* जा रहा है। इसमें भाग लेने के लिए संपूर्ण भारत के विभिन्न राज्यों से भक्तजन आते हैं।
*इस्कॉन का हरे कृष्ण मंदिर*
इस्कॉन मंदिर (*International Society for Krishna Consciousness) बेंगलुरु की खूबसूरत इमारतों में से एक है*। इस इमारत में कई अत्याधुनिक सुविधाओं में *मल्टी-विजन सिनेमा थियेटर, कम्प्यूटर सहायता प्रस्तुतिकरण थियेटर एवं वैदिक पुस्तकालय और उपदेशात्मक पुस्तकालय* है। इस *मंदिर के अनुयाई सदस्यों व गैर-सदस्यों* के लिए यहां रहने की भी काफी उत्तम सुविधा उपलब्ध है। मालूम हो कि अपनी विशाल सरंचना के कारण *इस्कॉन मंदिर बेंगलुरु में बहुत प्रसिद्ध* है और इसीलिए *बेंगलुरु का सबसे मुख्य पर्यटन स्थान* भी है। इस मंदिर में आधुनिक और *वास्तुकला का दक्षिण भरतीय मिश्रण परंपरागत रूप से पाया जाता* है। मंदिर में अन्य संरचनाएं *बहु दृष्टि सिनेमा थिएटर और वैदिक पुस्तकालय*। मंदिर में भक्तों के लिए रहने कि सुविधाएं भी उपलब्ध है।
*इस्कॉन मंदिर के बैंगलुरु में छ: मंदिर हैं*
*राधा-कृष्ण मंदिर (मुख्य मंदिर)*
*कृष्ण-बलराम मंदिर,*
*निताई गौरंगा मंदिर (चैतन्य महाप्रभु और नित्यानन्दा),*
*श्रीनिवास गोविंदा (वेंकटेश्वरा)*
*प्रहलाद-नरसिंह मंदिर एवं श्रीला प्रभुपादा मंदिर*
*बैकुंठ हिल में तिरुपति बालाजी मंदिर और योग व भोग नरसिम्हा मंदिर*
उत्तर बेंगलुरु के राजाजीनगर में स्थित *राधा-कृष्ण का मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर है*। इस *मंदिर का शंकर दयाल शर्मा ने सन् 1997 में उद्घाटन* किया था।
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