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जरनैल सिंह की जमानत याचिका पर स्थिति रपट मांगी

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नई दिल्ली | दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस से आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक जरनैल सिंह की अग्रिम जमानत याचिका पर स्थिति रपट दाखिल करने के लिए कहा है। जरनैल सिंह पर एक सरकारी अभियंता के साथ मारपीट करने और उसे अपने कर्तव्य निर्वहन से रोकने का आरोप है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुनीता गुप्ता ने जरनैल सिंह की गिरफ्तारी पर तुरंत रोक लगाने से मना कर दिया और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए बुधवार तक इस मामले की स्थिति रपट दाखिल करने के लिए कहा है।

मामले को छह मई के लिए टालते हुए न्यायालय ने कहा, “पहले उन्हें (पुलिस) मामले की स्थिति रपट दाखिल कर लेने दीजिए। इस संबंध में दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया जाता है।” तिलक नगर विधानसभा क्षेत्र से आप विधायक जरनैल सिंह पर सरकारी दस्तावेज फाड़ने और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के कनिष्ठ अभियंता अतहर मुस्तफा को भ्रष्टाचार के झूठे मामले में फंसाने की धमकी देने का भी आरोप है। हाथापाई उस दिन हुई जब मुस्तफा अपने दल और पुलिसकर्मियों के साथ कृष्णा पार्क एक्सटेंशन इलाके में एक अवैध निर्माण को गिराने गए थे। निचली अदालत ने शनिवार को जरनैल सिंह की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया था। जरनैल की ओर से न्यायालय में पेश हुए वरिष्ठ वकील और आप सदस्य एच.एस. फुल्का ने अदालत में कहा कि याचिकाकर्ता को गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि मामला जिन धाराओं में दर्ज किया गया है वे सभी जमानती अपराध हैं और उनके पास से कुछ भी बरामद करने की आवश्यकता नहीं है। फुल्का ने कहा, “जरनैल को गिरफ्तार कर पूछताछ की आवश्यकता नहीं है। इस मामले में उन्हें गलत फंसाया गया है। इस मामले के संबंध में उन्होंने स्वयं पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद सिंह पुलिस थाने में अपराह्न चार बजे से 10 बजे तक मौजूद रहे लेकिन न ही उन्हें हिरासत में लिया गया और न ही उन्हें गिरफ्तार किया गया।”

फुल्का ने पुलिस प्रमुख के दावे को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने मीडिया में गलत जानकारी दी है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 186 (सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालना) और धारा 353 (सरकारी कर्मचारी को कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला अथवा आपराधिक बल का प्रयोग करना), धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की सजा), धारा 341, धारा 503 और 34 के तहत तिलक नगर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया है।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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