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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बदले सुर, पीएम मोदी की तारीफ में कही ये बात

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नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के धमकी भरे बयान के 24 घंटे बाद ही अब उनके सुर बदल गए हैं। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवाई को लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। ट्रंप ने कहा कि पीएम मोदी ने इस मसले पर उनकी मदद की, वह काफी शानदार हैं।

अमेरिकी चैनल फॉक्स न्यूज़ से बात करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हम विदेश से कई सारी दवाईयां मंगवा रहे हैं, इसको लेकर मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बात की क्योंकि भारत से भी काफी दवाई आ रही हैं।

डोनाल्ड ट्रंप ने इंटरव्यू के दौरान बताया कि मैंने पीएम मोदी से पूछा कि क्या वो दवाई देंगे? वो शानदार थे। भारत ने अपनी जरूरत के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवाई के निर्यात पर रोक लगाई थी, लेकिन वो सही है।

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने बीते दिन अपने एक बयान में कहा था कि अगर भारत हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की सप्लाई नहीं करता है, तो वह उनपर जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं। जिसके बाद भारत में इस बयान को लेकर काफी विवाद हुआ था। विपक्षी पार्टियों की तरफ से सरकार पर अमेरिका के दबाव में काम ना करने को कहा गया था।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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