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अन्तर्राष्ट्रीय

कोरोना वायरस ने खुद में कर लिया बदलाव? नए लक्षण देखकर खौफ में आए वैज्ञानिक

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने चीन से निकलकर अब पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। तेजी से फैलती इस महामारी ने भारत में पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। फिलहाल इस बीमारी की कोई दवा नहीं बनाई जा सकी है।

इस खतरनाक वायरस से बचने के लिए सिर्फ लोगों से एक दूसरे से दूरी बनाकर रखने के लिए कहा जा रहा है। अभी तक की जानकारी के मुताबिक इसके लक्षण आम सर्दी जुकाम की ही तरह हैं।

वायरोलॉजिस्ट हेंड्रिक स्ट्रीक ने जर्मन मीडिया से बातचीत में माना कि कोरोना वायरस की वजह से हाल के वर्षों की तुलना में 2020 में ज्यादा लोगों के मरने की आशंका है।

जर्मनी की सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी ने चेतावनी दी है कि ये संकट दो साल तक रह सकता है। जर्मनी में कोरोना वायरस के 7,000 मामले आ चुके हैं जबकि अब तक 44 मौतें हो चुकी हैं।

बुखार आना, गले में खराश होना, सूखी खांसी और मांसपेशियों में दर्द होना इसके लक्षण हैं लेकिन अब इसके कुछ नए लक्षण भी दिख रहे हैं, जिसने वैज्ञानिकों को चिंता में डाल दिया है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस के मरीजों के सूंघने की क्षमता इतनी खराब हो जाती है कि वो अपने बच्चों के गंदे डायपर भी नहीं सूंघ पाते हैं।

हेंड्रिक स्ट्रीक ने बताया कि हमने कोरोना वायरस से संक्रमित लगभग सभी लोगों का इंटरव्यू किया। इसमें से दो तिहाई लोग ऐसे थे जिन्हें कई दिनों से न तो किसी चीज का स्वाद पता चल पा रहा था और ना ही ये किसी भी गंध को सूंघ पा रहे थे।

स्ट्रीक ने कहा, ‘यह लक्षण शरीर में इतना बढ़ जाता है कि एक मां भी अपने बच्चे के डायपर को नहीं सूंघ पाती है। लोग शैंपू की सुगंध और खाने का स्वाद भी नहीं  महसूस कर पाते हैं।’

स्ट्रीक के अनुसार, ‘हम अभी ठीक से यह नहीं बता सकते हैं कि ये लक्षण कब दिखाई देने शुरू होते हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि ये लक्षण संक्रमण फैलने के थोड़ी देर बाद ही शरीर में आने लगते हैं।’

इन लक्षणों में डायरिया भी एक आम लक्षण हो सकता है। स्ट्रीक ने कहा, ‘हमारी जांच में पता चला कि कोरोना वायरस के 30 फीसदी मरीज डायरिया से भी पीड़ित थे।

जर्मनी की तुलना में कोरोना वायरस से इटली में हो रही ज्यादा मौतों पर स्ट्रीक ने कहा, ‘मुझे बिल्कुल भी आश्चर्य नहीं हो रहा है क्योंकि इटली में केवल बहुत गंभीर लक्षण वालों के ही टेस्ट किए जा रहे हैं।’

चीन में भी, शुरुआत में मौतों की संख्या तेजी से बढ़ी थी क्योंकि वहां भी आम संक्रमित लोगों की संख्या पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जा रहा था।

शेन्झेन में हाल में की गई एक स्टडी में भी यह बात सामने आई है कि वयस्कों के मुकाबले बच्चे ज्यादा तेजी से संक्रमण का शिकार हो रहे हैं लेकिन उनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं के बराबर या बहुत हल्के दिखाई दे रहे हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान ने IMF के आगे फिर फैलाए हाथ, की नए लोन की डिमांड

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आईएमएफ के सामने एक बार फिर भीख का कटोरा आगे कर दिया है। पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर उनसे नए ऋण कार्यक्रम पर चर्चा की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई।

रियाद में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक बैठक से इतर शरीफ ने तीन अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था (एसबीए) हासिल करने में पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा का शुक्रिया अदा किया। पाकिस्तान ने पिछले साल जून में तीन अरब अमेरिकी डॉलर का आईएमएफ कार्यक्रम हासिल किया था। पाकिस्तान मौजूदा एसबीए के इस महीने समाप्त होने के बाद एक नई दीर्घकालिक विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) की मांग कर रहा है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के नुसार, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के लिए एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम पर भी चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले वर्ष से हासिल लाभ समेकित हो और आर्थिक वृद्धि सकारात्मक बनी रही।’’ शरीफ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हासिल कर सकता है। यदि पाकिस्तान को यह मदद मिल गई तो उसको आईएमएफ की ओर से यह 24वीं सहायता होगी।

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