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बिजनेस

रिलायंस लाइफ स्कूलों में खोलेगी पुस्तकालय

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मुंबई| निजी क्षेत्र की जीवन बीमा कंपनी रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस ने गैर-लाभकारी संस्था ‘रूम टू रीड’ के रूम टू रीडसाथ साझेदारी की है। इस साझेदारी के तहत कंपनी देश भर में 100 से अधिक पुस्तकालय स्थापित करेगी। कंपनी ने यह जानकारी सोमवार को दी। कंपनी ने यहां एक बयान जारी कर कहा कि रूम टू रीड के साथ हुई इस साझेदारी का मकसद देश भर में 10 हजार से अधिक बच्चों तक पहुंचना है।

रूम टू रीड एक गैर लाभकारी संस्था है, जो देश भर में स्कूलों में लाइब्रेरी स्थापित कर साक्षरता फैलाने और शिक्षा क्षेत्र में लैंगिक समानता कायम करने की कोशिश कर रही है।

प्रथम लाइब्रेरी 14 नवंबर को बाल दिवस के मौके पर मुंबई के एक स्कूल में स्थापित की गई थी।

कंपनी ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत प्रथम वर्ष में रिलायंस लाइफ और रूम टू रीड राजस्थान, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के नगरपालिका द्वारा संचालित स्कूलों में लाइब्रेरी की स्थापना और उनका संचालन करेगी।

Duke writemyessay4me.org/ power company united steelworkers of america v

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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