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बेहद खतरनाक तरीके की होती थी लालू यादव की होली, विदेशों तक थी मशहूर!

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नई दिल्ली। 21 मार्च यानि आज पूरा देश रंगों का त्योहार होली धूमधाम से मनाया रहा है। होली के मौके पर आज हम आपको राजनीति जगत के एक ऐसे राजनेता के  बारे में बताएंगे  जिनका होली मनाने का स्टाइल देश में ही नहीं विदेशों में भी बहुत फेमस था। हम बात कर रहे हैं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की।

लालू जब बिहार के मुख्यमंत्री थे उनकी ‘कुर्ताफाड़ होली’ हर साल आकर्षण का केंद्र बनी रहती थी। लालू की कई पुरानी तस्वीरें उनकी इस ‘कुर्ताफाड़ होली’ की गवाह हैं। बदन पर फटा कुर्ता और रंगों में रंगा शरीर। यहां तक की गंजी भी बदन से उतरी हुई। आवास पर आए हुए नेताओं व कार्यकर्ताओं का कुर्ता फाड़ते लालू। मदमस्त और मनमौजी। ये सारी तस्वीरें इंटरनेट पर मौजूद हैं जो लालू के ठेस देसीपन को बताते हैं। कहा जाता है कि लालू इस होली में अपने सारे विधायकों के कुर्ते फाड़ डालते थे।


यह अदभुत होली लालू के आवास पर मनाई जाती थी। हर तरफ नेताओं व कार्यकर्ताओं के कुर्ते फटे होते थे, बदन नंगे। लालू खुद ही अपने दरवाजे पर ढोल और मंजीरा लेकर गाने बैठ जाते थे। सुबह से ही होली के दिन लालू के आवास पर महफिल जम जाती थी। क्या नेता और क्या कार्यकर्ता सभी होली के रंगों में सरोबार होते थे।

कहा जाता है कि मुख्यमंत्री रहते हुए लालू के आवास पर होने वाली ‘कुर्ताफाड़ होली’ में अबीर-गुलाल ही नहीं कीचड़ और गोबर का रंग भी जमता था। खूब पोता-पोती होती थी। जमकर होरी गायन होता था।

लालू की यह होली उनके प्रचार का लोकप्रिय साधन थी। होली के करीब आते ही नेताओं व जनता के बीच कुर्ताफाड़ होली को लेकर गुफ्तगू शुरू हो जाती थी। होली के दिन सुबह पहले कीचड़ की होली होती थी और उसके बाद दोपहर में गुलाल की होली और गायन का रंग जमता था।

हंसी-मजाक का दौर चलता था। लालू के आवास पर होली खेलने आने वाले कार्यकर्ता दो समूहों में बंट जाते थे और इसके बाद कीचड़ की होली का दौर चलता था। लालू की इस होली ने उन्हें विदेशों में तक प्रसिद्ध कर दिया था और कार्यकर्ताओं को हर साल इसका इंतजार रहता था।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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