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लोकसभा चुनाव से पहले लगेगा आरएसएस की शाखाओं पर बैन, ये है वजह!

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मध्य प्रदेश में कांग्रेस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) पर बड़ी कार्रवाई करने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कमलनाथ सरकार ने सरकारी भवनों में संघ की शाखाओं पर पाबंदी लगाने की तैयारी कर ली है।

मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के इस फैसले पर सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव बनाना शुरू कर दिया है। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में सरकार बनने से पहले कांग्रेस अपने वचन पत्र में सरकारी दफ्तरों में संघ की शाखा पर बैन लगाने की बात कर चुकी है।

आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा शुक्रवार 8 मार्च को ग्वालियर में होने जा रही है, लेकिन ठीक उसके पहले आरएसएस को लेकर कमलनाथ सरकार के मंत्री ने बड़ा बयान दिया है।

दरअसल कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में आरएसएस की शाखाएं सरकारी भवनों में लगाने और इनमें सरकारी कर्मचारियों के बैन का वादा किया था और अब सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके लिए बकायदा प्रस्ताव बनाना शुरू भी कर दिया है।

मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह के मुताबिक 1000 प्रतिशत संघ की शाखाएं सरकारी भवनों में बंद करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने शासकीय भवनों में आरएसएस शाखा पर बैन का वचनपत्र में जो वादा किया है उसे हर हाल में पूरा किया जाएगा।

गोविंद सिंह के इस बयान के बाद बीजेपी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जब जवाहरलाल नेहरू संघ की शाखाओं को लगने से रोक नहीं पाए तो ये क्या कराएंगे।

इतना ही नहीं बीजेपी ने तो कमलनाथ सरकार को धमकी दी है कि ऐसा हुआ तो संघ की शाखाएं कांग्रेस सरकार के मंत्रियों के बंगले और सड़क तक में लगेगी। बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने तो चेतावनी देते हुए कहा कि संघ की शाखा रोकी तो मंत्रियों के घरों और बंगले में, पार्क में, सड़क पर शाखा लगेगी,  लेकिन संघ की शाखा तो लगेगी ही लगेगी।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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