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लाल कृष्ण आडवाणी या फिर कोई और! आखिर कौन होगा गुजरात के गांधीनगर सीट का उम्मीदवार?
लोकसभा चुनाव 2019 अपनी चरम पर पहुंचने वाला है। ऐसे मे गुजरात के गांधीनगर लोकसभा सीट से बीजेपी के दिग्गज नेता लाल कृष्णा आडवाणी क्या एकबार फिर गांधीनगर से चुनाव लड़ेंगे या नहीं इस बात को लेकर मामला गरमाया हुआ है। गांधीनगर लोकसभा सीट गुजरात की सबसे अहम और वीआईपी सीटों में से एक है। यह शहर न सिर्फ राज्य की राजधानी है, बल्कि भारतीय जनता पार्टी का गढ़ भी है।
आपको बता दे, बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में रहे वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी इस सीट से सांसद बनते रहे हैं। 1989 से गाँधीनगर सीट पर भाजपा का परचम लहरा रहा है। सामान्य वर्ग वाली इस सीट पर बीजेपी लगभग तीन दशकों से राज करती आ रही है। लोकसभा चुनाव 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 से लेकर अब तक लाल कृष्णा आडवाणी ने इस सीट पर अपना कब्ज़ा जमाया हुआ है।
लेकिन चर्चा का विषय यह है कि 91 वर्षीय लाल कृष्णा आडवाणी क्या एक बार फिर गांधीनगर से राजनीति मे उतरेंगे या फिर इस सीट से बीजेपी का कोई और उम्मीदवार आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेगा।
रिपोर्ट- मानसी शुक्ला
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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