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पुलवामा हमले के बाद पीएम मोदी ने लिया ऐतिहासिक फैसला, चीख रहा है पाकिस्तान, हताश इमरान बोले…

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नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पुलवामा मे 14  फ़रवरी को हुए आत्मघाती हमले के बाद सरकार ने पाकिस्तान व देश मे रहने वाले आतंकियों के मददगारों के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं।

पुलवामा मे हुए आतंकी हमले ने हिंदुस्तान की रूह को झकझोर के रख दिया है। भारतीय जनता पकिस्तान से बदले की मांग को लेकर सड़को पर उतर चुकी है।

हालांकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि पुलवामा मे हुए हमले से पाकिस्तान का कोई भी लेना देना नहीं है। इसी कड़ी मे भारतीय सरकार ने पाकिस्तान और जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।

आतंकी हमले के दूसरे ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा कदम उठाते हुए कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की बैठक में पाकिस्तान से ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ (एमएफएन) का दर्जा वापस लेने का फैसला लिया।

वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान को आर्थिक स्तर पर चोट पहुंचाने के लिए पाकिस्तान के सभी आयातों पर 200 प्रतिशत की ड्यूटी लगा दी गई है।

मोदी सरकार के इस कदम से पाकिस्तान से किसी भी सामान का भारतीय बाजारों मे अपना रास्ता खोजना लगभग असंभव हो जाएगा। रविवार को जम्मू कश्मीर मे हुई हालिया कार्रवाई मे लगभग सभी अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली गई।

पुलवामा मे हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने विदेशी कूटनीतिक स्तर पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ विश्व के सभी बड़े देशों के साथ जानकारी साझा की है।

खबर है की आने वाले समय मे पाकिस्तान को विदेश मंत्रालय द्वारा वैश्विक स्तर पर अलग-थलग किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार आतंकी हमले में पाकिस्तान की आईएसआई और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठनों से जुड़े सबूत जुटा कर डॉजियर तैयार कर उसे संयुक्त राष्ट्र और पाकिस्तान को देने की तैयारी कर रही है।

पुलवामा हमले के बाद प्रधानमन्त्री मोदी ने इस हमले को अंजाम देने वाले को चेतावनी दी थी की उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

Edited by- मानसी शुक्ला 

 

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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