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आध्यात्म

वृंदावन: प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों को अक्षय पात्र की ‘300 करोड़वीं’ थाली में परोसा खाना

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लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वृंदावन स्थित इस्कॉन बेंगलुरु की शाखा अक्षय पात्र फाउंडेशन के 300 करोड़वीं थाली परोसने के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए सोमवार को उत्तरप्रदेश के वृंदावन पहुंचे। इस कार्यक्रम में सहभागिता करते हुए प्रधानमंत्रीमोदी ने स्वच्छता स्वास्थ्य और बचपन पर आधारित सरकारी योजनाओं पर पूरा जोर दिया। मोदी ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार ने बचपन के आस-पास मजबूत सुरक्षा घेरा बनाने का प्रयास किया है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा अभियान के तहत 3 पहलू है जिसमें पहला पहलू खान पान, दूसरा पहलू टीकाकरण और तीसरा पहलू स्वच्छता अभियान है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने नौनिहालों के लिए टीकाकरण योजना को मिशन मोड के तहत चलाने का निर्णय किया है। मोदी ने बताया कि मिशन इंद्रधनुष के तहत देश के 3 करोड 40 लाख बच्चों व साथ ही 90 लाख गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण भी करवाया गया है। मोदी बोले की जिस गति से टीकाकरण व पोषण का कार्य पूरा किया गया है उस गति के अनुसार अब लक्ष्य ज्यादा दूर नहीं है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब पूर्व में बच्चों के स्वास्थ्य की बात होती थी माताओं की पीड़ा को नजरअंदाज कर दिया जाता था। उन्होंने कहा कि अब मौजूदा सरकार द्वारा इस स्थिति को और मौजूदा हालातों में इन सभी मानकों को बदलने का प्रयास किया जा रहा है।
गौ माता पर बोलते हुए मोदी ने कहा कि गाय के दूध का कर्ज़ इस देश के निवासी कभी नहीं चुका पाएंगे। जय भोले की गाय सिर्फ पशु नहीं हमारी माता है। साथ ही हमारी परंपरा और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा सुनिश्चित किया जा रहा है कि पोषण के साथ-साथ बेहतरीन गुणवत्ता वाला खाना बच्चों को मुहैया कराया जा सके। उन्होंने माना कि जैसे एक मकान के लिए मजबूत नीव होना जरूरी है वैसे ही एक नौनिहाल के बचपन में ठोस खान पान भी मजबूत नींव का काम करता है। वह बोले कि मजबूत देश के लिए स्वस्थ और खिलखिलाते बचपन की बीम से उभरे यौवन की आवश्यकता होती है, शक्तिशाली और पोषक बचपन का होना अति आवश्यक है।
प्रधानमंत्री ने गरीब लाखों बच्चों को निशुल्क भोजन उपलब्ध कराने के लिए संस्थान अक्षय पात्र फाउंडेशन का आभार व्यक्त करते हुए साधुवाद और शुभकामनाएं दी। साथ ही संस्था की भूरी भूरी प्रशंसा भी की। मोदी ने गीता के श्लोक का हवाला देते हुए कहा कि जो दान उचित समय पर उपयुक्त व्यक्ति को दिया जाता है उसे सात्विक दान कहा जाता है। प्रधानमंत्री यहां बन रहे चंद्रोदय मंदिर में धर्मगुरु प्रभुपाद जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का आगाज किया। जिसके बाद महामहिम राज्यपाल राम नाईक के साथ एनजीओ अक्षय पात्र की 300 करोड़वीं थाली के पट्टिका का अनावरण किया। इस कार्यक्रम के दौरान बाहुबली फिल्म के निर्देशक एसएस राजमौली भी मौजूद रहे।
वृंदावन से द्वारकेश बर्मन की रिपोर्ट 

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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