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आध्यात्म

आर्थिंक तंगी से छुटकारा पाने का अचूक उपाय, गुरूवार को जरूर करें ये काम

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ज़िंदगी में अपनी मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए हम लोगों को रुपए की जरूरत होती है। ऐसे में अगर आप आर्थिक तंगी की समस्या से जूझ रह है, तो आप अपनी जरूरत कैसे पूरी करेंगे।अगर आप आर्थिक तंगी जूझ रहे है, तो गुरुवार के दिन इन उपायों को करके आपकी समस्या दूर कर सकते हैं। आइए जानते है इन उपायों के बारे में –

गुरूवार के दिन तुलसी के पौधे में कच्चा दूध चढ़ाना, आर्थ‍िक तंगी को दूर कर सकता है।

गुरूवार के दिन नहाने के पानी में एक चुटकी हल्दी डाल लें और इस पानी से स्नान करें।

गुरूवार के दिन केले के पेड़ में जल चढ़ाएं और पूजन करें। इससे आर्थ‍िक लाभ की प्राप्ति होगी।

गुरु को मजबूत करने के लिए प्रतिदिन सुबह के समय भगवान शिव को पीली कनेर का फूल अर्पित करें।

अगर हो सके, तो गुरुवार का व्रत करें। इससे न केवल आर्थ‍िक तंगी दूर होगी, बल्कि आपकी सभी मनोकामना भी पूरी होगी।

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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