Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

KumbhMela2019 : कुंभ जा रहे हैं तो जरूर घूमिए प्रयागराज की ये खास जगहें

Published

on

Loading

कुंभ महापर्व के लिए संगम की नगरी प्रयागराज में श्रद्धालु जुटने लगे हैं। इस शहर में कई तीर्थस्थल और दर्शनीय स्थल हैं। अगर आप भी प्रयागराज में कुंभ मेले का हिस्सा बनने जा रहे हैं, तो प्रयागराज में इन चुनिंदा जगहों पर एक बार जरूर घूमने जाएं।

IMAGE COPYRIGHT: GOOGLE

स्वराज भवन – स्वराज भवन नेहरू परिवार की संपत्ति थी। अब स्वराज भवन प्रयागराज के पर्यटक स्थलों में शुमार हो गया है।

IMAGE COPYRIGHT: GOOGLE

आनंद भवन – नेहरू परिवार का आवास रहा आनंद भवन अब एक म्यूजियम में तब्दील हो चुका है। प्रयागराज जाने वाले पर्यटक आनंद भवन जरूर जाते हैं।

IMAGE COPYRIGHT: GOOGLE

संकटमोचन हनुमान मंदिर – संकटमोचन हनुमान मंदिर दारागंज मोहल्ले में गंगा जी के किनारे है। यह कहा जाता है कि संत समर्थ गुरू रामदास जी ने यहां भगवान हनुमान जी की मूर्ति स्थापित की थी।

IMAGE COPYRIGHT: GOOGLE

चंद्रशेखर आजाद पार्क – यह प्रयागराज का सबसे बड़ा पार्क है. इसे पहले अल्फ्रेड पार्क के नाम से जाना जाता था।

IMAGE COPYRIGHT: GOOGLE

भारद्वाज आश्रम – कहा जाता है कि इस आश्रम में भगवान राम अपने वनवास पर चित्रकूट जाते समय सीता जी एवं लक्ष्मण जी के साथ आए थे।

IMAGE COPYRIGHT: GOOGLE

खुसरो बाग – खुसरोबाग एक विशाल ऐतिहासिक बाग है। चारदीवारी के भीतर इस खूबसूरत बाग में बलुई पत्थरों से बने मकबरे मुगल वास्तुकला के बेहतरीन उदाहरण हैं। एक दीवार वाले इस उद्यान में 17वीं शताब्दी में निर्मित चार महत्वपूर्ण मुगल कब्रें हैं।

IMAGE COPYRIGHT: GOOGLE

श्री वेणी माधव मंदिर – मान्यता है कि ब्रह्मा जी प्रयागराज की धरती पर जब यज्ञ कर रहे थे, तब उन्होंने प्रयागराज की सुरक्षा हेतु भगवान विष्णु से प्रार्थना कर उनके बारह स्वरूपों की स्थापना करवाई थी।

IMAGE COPYRIGHT: GOOGLE

शंकर विमान मण्डपम – यह मंदिर दक्षिण भारतीय शैली में बना हुआ है। मंदिर चार स्तम्भों पर निर्मित है।

IMAGE COPYRIGHT: GOOGLE

मनकामेश्वर मंदिर – किला के पश्चिम यमुना तट पर मिन्टो पार्क के निकट यह मंदिर स्थित है। यहां काले पत्थर की भगवान शिव का एक लिंग और गणेश एवं नंदी की मूर्तियां हैं।

IMAGE COPYRIGHT: GOOGLE

श्री अखिलेश्वर महादेव – चिन्मय मिशन के अधीन प्रयागराज में रसूलाबाद घाट के निकट 500 वर्ग फिट के लगभग एक क्षेत्र में श्री अखिलेश्वर महादेव संकुल फैला हुआ है।

IMAGE COPYRIGHT: GOOGLE

पब्लिक लाइब्रेरी – शहर की सबसे पुरानी लाइब्रेरी चन्द्रशेखर आजाद पार्क परिसर के भीतर स्थित है। इसमें ऐतिहासिक पुस्तकों, पाण्डुलिपियों एवं पत्रिकाओं का संग्रह है।

IMAGE COPYRIGHT: GOOGLE

इलाहाबाद विश्वविद्यालय – इलाहाबाद विश्वविद्यालय को ‘पूर्व का ऑक्सफोर्ड’ कहा जाता है। यह कलकत्ता, बाम्बे और मद्रास विश्वविद्यालय के बाद चौथा पुराना विश्वविद्यालय है।

IMAGE COPYRIGHT: GOOGLE

विक्टोरिया स्मारक – रानी विक्टोरिया को समर्पित इटालियन चूना पत्थर से निर्मित यह स्मारक स्थापत्य कला का एक जीवंत उदाहरण है।

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

Published

on

Loading

नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

Continue Reading

Trending