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राजनीति

इन नेताओं ने अपनी पढ़ाई के बारे में बोला था झूठ, आखिरी नाम जानकर रह जाएंगे दंग

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भारतीय राजनेताओं की पढ़ाई और उनकी डिग्री देश के लिए शोध का विषय है। शोध इसलिए क्योंकि इनकी डिग्रियों पर जमी भ्रम की परत इतनी मोटी है कि उसकी हकीकत जानने के लिए हड़प्पा की तरह खुदाई करनी पड़ेगी। बहरहाल, आज हम आपको कुछ ऐसे नेताओं की डिग्री के विषय मे बताएंगे जिसे जानने की जिज्ञासा पूरे देश भर के मन मे है। यहां हम आपको कोई मेहनत नही कराएंगे क्योकि हमारी टीम ने पहले ही हड़प्पा के तर्ज पर डिग्री की हकीकत खुदाई करके पता कर ली है। हालांकि डिजिटल जमाने मे हमें मिट्टी की परतों की नहीं बल्कि गूगल बाबा के भंडार की खुदाई करनी पड़ी जो थोड़ा आसान था।

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वरुण गांधी – भाजपा नेता वरुण गांधी का दावा था कि उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से अपनी पढ़ाई पूरी की है। हकीकत निकलकर आई कि उन्होंने अपनी पढ़ाई डिस्टेंस लर्निंग के जरिए पूरी की थी।

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ममता बनर्जी – 1991 में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का दावा था कि उनके पास ईस्ट जॉर्जिया यूनिवर्सिटी से डॉक्ट्रेट की उपाधि है। सच सामने आया कि इस तरह की कोई डिग्री अस्तित्व में ही नहीं है।

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स्मृति ईरानी – मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी का दावा था कि उनके पास येल यूनिवर्सिटी की डिग्री है। बाद में सच्चाई सामने आई कि उन्होंने अन्य सांसदों के साथ महज 6 दिन का एक कोर्स किया था।

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लालू की बेटी मीसा भारती – लालू की बेटी मीसा भारती ने अपने फेसबुक पेज पर फोटो डालते हुए दावा किया कि उन्होंने हार्वड यूनिवर्सिटी में लेक्चर दिया। इस दावे की हवा निकालते हुए हार्वड ने सफाई दी कि मीसा ने कोई लेक्चर नहीं दिया। वो वहां महज दर्शक के तौर पर मौजूद थीं। मीसा पटना मेडिकल कॉलेज से MBBS हैं, और अपनी क्लास की टॉपर भी रही हैं। जबकि 121 सांसद 12वीं या उससे कम पढ़े लिखे हैं।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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