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अन्तर्राष्ट्रीय

26 जनवरी से पहले मोदी से हुई बड़ी चूक, कहीं मिट्टी में न मिल जाए विदेशी दौरों की मेहनत

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नई दिल्ली। अभी कुछ दिन पहले आई एक मीडिया रिपोर्ट में नरेंद्र मोदी ने 2019 रिपब्लिक डे परेड के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प को न्योता दिया है। गौरतलब हैं कि दुनिया के दूसरे देशो में ट्रम्प के यात्रा का बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा हैं। उसी समय हमारे देश के प्रधानमंत्री ने उनको न्योता भेजा है सरकार इसे अपना ट्रम्प कार्ड बता रही हैं।

ट्रम्प की गतिविधियों के कारण वैश्विक स्तर पर असुरक्षा का माहौल-

हाल के दिनों में पूरी दुनिया में ट्रम्प की गतिविधियों के कारण वैश्विक स्तर पर असुरक्षा का माहौल बना है। कभी इनका डंडा अप्रवासियों पर चलता है तो कभी अपने वर्ल्ड पावर होने की सनक में ईरान और मैक्सिको जैसे छोटे देशों को निशाना बनाते हैं। 2015 में हुए ईरान और अमेरिका के न्यूक्लिअर डील को रद्द करके इन्होने पूरे मध्य-पूर्व को बारूद की ढेर पर बैठने को मज़बूर कर दिया है।

अमेरिका ने पूरी दुनिया में ट्रेड वॉर का एक नया सीरीज लांच किया है-

बता दें कि अमेरिका ने पूरी दुनिया में ट्रेड वॉर का एक नया सीरीज लांच किया है। जिसके लपेटे में चीन से लेकर भारत और पूरा यूरोप आ चूका है। सरंक्षणवाद की नीति और अमेरिका फर्स्ट की विचारधारा ने ट्रम्प को खलनायक बना दिया है। मध्य-पूर्व में सऊदी अरब की गुंडागर्दी को सरंक्षण देकर अमेरिका ने अपनी दोहरी नीति को एक बार फिर से सिद्ध किया है। ईरान से आयातित होने वाले कच्चे तेल पर पूर्ण प्रतिबन्ध की धमकी अमेरिका पहले ही दे चूका है।

S-400 एंटी मिसाइल डिफेन्स सिस्टम के खरीद की योजना पर ट्रम्प सरकार ने जताई नाराज़गी-

मोदी सरकार शायद इस मकसद से भी ट्रम्प को बुलाना चाहती है ताकि ईरान में उसके हालिया निवेश की रक्षा हो सके और कच्चे तेल के मुद्दे पर उसे थोड़ी राहत मिल जाए। लेकिन ट्रम्प का व्यक्तित्व ऐसा है कि कुछ घंटों के भीतर ही वो अपने स्टैंड से बदल जाते हैं। भारत ने रूस से हाल ही में S-400 एंटी मिसाइल डिफेन्स सिस्टम के खरीद की योजना बनाई है और ट्रम्प सरकार ने इसके ऊपर भी नाराज़गी ज़ाहिर की है। सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि आज जब नरेंद्र मोदी बोलते हैं कि भारत दुनिया के ताक़तवर देशों के साथ भी आंख में आंख डालकर बात करता है तो फिर अमेरिका कैसे हमारे सामरिक समझौतों के ऊपर सवाल उठा सकता है।

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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