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बिहार : बजट सत्र बुधवार से, नीतीश बहुमत साबित करेंगे

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पटना | बिहार विधानमंडल दल का बजट सत्र बुधवार से शुरू होने जा रहा है। सत्र के पहले दिन दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी संबोधित करेंगे । राज्यपाल के अभिभाषण के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी सरकार के विधानसभा में विश्वासमत प्रस्ताव पेश करेंगे। विधानसभा सचिवालय के अनुसार, 22 अप्रैल तक चलने वाले सत्र के दौरान 12 मार्च को सरकार वित्तवर्ष 2015-16 के लिए दोनों सदनों में बजट पेश करेगी।

इधर, विश्वास मत को लेकर सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) के मुख्य सचेतक और राज्य के संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने मंगलवार को व्हिप जारी किया है, जिसमें सभी विधायकों को नीतीश कुमार के पक्ष में वोट देने का निर्देश दिया गया है। पटना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, “जो विधायक व्हिप का उल्लंघन करेंगे, उनकी विधानसभा से सदस्यता भी जा सकती है।” उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार 22 फरवरी को मुख्यमंत्री की शपथ ली थी। जद (यू) को राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) का समर्थन हासिल है। गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी शिकस्त के बाद नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री बने थे। पिछले दिनों पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के सवाल पर मांझी पार्टी से बगावत कर दिए थे और अंत में उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में 10 सीटें रिक्त हैं। बहुमत साबित करने के लिए कुल 117 विधायकों का समर्थन जरूरी है। मौजूदा समय में विधानसभा में जद (यू) के 111, भाजपा के 87, कांग्रेस के पांच, राजद के 24, निर्दलीय पांच और भाकपा के एक सदस्य हैं।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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