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उत्तराखंड

VIDEO : उत्तराखंड का फूड प्रोसेसिंग सेक्टर होगा मजबूत, कंपनियों को मिलेगा फायदा

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उत्तराखंड की फूड प्रोसेसिंग कंपनियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है, जल्द ही फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में थाइलैंड सरकार बड़ा निवेश कर सकती है। ऐसें में अचार निर्माण, जूस बनाने वाली इकाईयों, फलों का गूदा तैयार करने वाली कंपनियों व खाद्य प्रसंस्करण पर आधारित उद्योगों को अपनी आय बढ़ाने का बड़ा मौका मिल सकता है।

थाइलैंड में हुए पूंजी निवेश पर सम्मेलन में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि उत्तराखंड में निवेश की बुनियादी सुविधाएं मौजूद हैं। खासकर खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में पूंजी निवेश के लिए उत्तराखंड से बेहतर स्थान कोई हो ही नहीं सकता।

मेक इन इंडिया के मुताबिक भारत दुनिया में फूड और फूड प्रोडक्टस के निर्यात में 12वें स्थान पर है। देश में फूड प्रोसेसिंस सेक्टर से अनाज मिलिंग, चीनी, खाद्य तेल, पेय पदार्थ, फलों और सब्जियों के प्रसंस्करण और डेयरी उत्पाद से संबंधित जुड़े उद्योग जुड़े हैं। भारत में मौजूदा समय में 37,000 से अधिक रजिस्टर्ड फूड प्रोसेसिंग यूनिट हैं।इसके अलावा भारत में भारत में ब्रांडेड भोजन व डिब्बाबंद खाद्यों को खरीदने वाले करीब 1.32 बिलियन उपभोक्ता हैं। ऐसे में थाईलैंड सहित दुबई, सउदी अरब, इजिप्ट और ईरान जैसे देश भी भारत में फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में निवेश करना पसंद कर रहे हैं।

भारत में मौजूदा समय में 37,000 से अधिक रजिस्टर्ड फूड प्रोसेसिंग यूनिट हैं।

सम्मेलन में थाईलैंड एवं उत्तराखण्ड के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के प्रतिनिधि मंडल के बीच खाद्य प्रसंस्करण की संभावनाओं पर गहन चर्चा हुई। सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे बड़ा खाद्य उत्पादक देश होने के बावजूद भारत में कुल उत्पादन का मात्र 10 प्रतिशत ही मूल्य संवर्धन/प्रसंस्करण में उपयोग किया जाता है। अन्य दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों थाईलैंड, मलेशिया, वियतनाम जैसे देशों में यह 70 से 80 प्रतिशत है। इस मामले में थाइलैंड भारत की मदद कर सकता है।

सम्मेलन में थाईलैंड एवं उत्तराखण्ड के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के प्रतिनिधि मंडल के बीच खाद्य प्रसंस्करण की संभावनाओं पर गहन चर्चा हुई। सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे बड़ा खाद्य उत्पादक देश होने के बावजूद भारत में कुल उत्पादन का मात्र 10 प्रतिशत ही मूल्य संवर्धन/प्रसंस्करण में उपयोग किया जाता है। अन्य दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों थाईलैंड, मलेशिया, वियतनाम जैसे देशों में यह 70 से 80 प्रतिशत है। इस मामले में थाइलैंड भारत की मदद कर सकता है।

उत्तराखंड

10 मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, पहले ही दिन हुए 2 लाख से ज्यादा पंजीकरण

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नई दिल्ली। इस बार 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। इसके लिए सोमवार से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले ही दिन चार धाम के लिए दो लाख से अधिक पंजीकरण हो गए हैं। सबसे अधिक 69 हजार पंजीकरण केदारनाथ धाम के लिए हुए हैं।

रजिस्ट्रेशन की सुविधा मोबाइल ऐप, वॉट्सऐप और टोल फ्री नंबर पर भी है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। इस बार चारधाम यात्रा शुरू होने से 25 दिन पहले यात्रियों को रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जा रही है, जिससे प्रदेश के बाहर से आने वाले यात्री अपना प्लान बनाकर आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकें।

रजिस्ट्रेशन के लिए नाम, मोबाइल नंबर के साथ यात्रा करने वाले सदस्यों का ब्योरा, निवास स्थान के पते के लिए आईडी देनी होगी। पर्यटन विभाग की वेबसाइट रजिस्ट्रेशन एंड टूरिस्ट केअर डॉट यूके डॉट जीओवी डॉट इन पर लॉगिन कर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इसके अलावा वॉट्सऐप नंबर-8394833833 पर यात्रा लिखकर मैसेज करके भी पंजीकरण कर सकते हैं। पर्यटन विभाग ने टोल फ्री नंबर-0135-1364 पर कॉल करके पंजीकरण की सुविधा दी है। स्मार्ट फोन पर टूरिस्टकेअरउत्तराखंड मोबाइल ऐप से भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

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