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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेशी प्रधानमंत्री ने वो फैसला लिया जो नरेन्द्र मोदी कभी चाह कर भी नहीं ले पाएंगे

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नई दिल्ली। भारत के युवाओं को जिन व्यवस्थाओं से शिकायत है उस फ़ेहरिश्त में सबसे पहले जो आता है, वो है ‘आरक्षण’। आरक्षण, हमारे देश में एक ऐसी व्यवस्था बन गया है जिसे न सरकार ख़त्म कर पा रही है और न युवा अपना पीछा छुड़ा पा रहा है। आरक्षण का खुल कर राजनैतिक इस्तेमाल किया जाता है। कभी इसे ख़त्म करने के नाम पर, तो कभी इसे बढ़ाने के नाम पर। लेकिन हमारे पड़ोसी देश, बांग्लादेश ने आरक्षण को लेकर एक ऐसा कठोर फैसला लिया है जो शायद यहाँ की सरकारें कभी ले ही न पाए।

दरअसल बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आज कहा कि उन्होंने सरकारी सेवाओं में आरक्षण प्रणाली को खत्म करने का फैसला लिया है। पहले यहाँ विशेष समूहों के लिए आरक्षित नौकरियों की व्यवस्था थी लेकिन इस विवादित नीति के खिलाफ देश भर में हजारों छात्रों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के बाद इस व्यवस्था को वापस ले लिया गया है। अभी कुछ दिनों पहले ढाका विश्वविद्यालय में छात्रों की झड़प हो गई थी। जिसमें 100 से ज्यादा छात्र गैस और रबड़ की गोली से घायल हो गए थे। फिर छात्रों की भीड़ ने ढाका में मुख्य मार्गों को बंद कर दिया था जिससे यातायात पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था। इसके बाद से ही विश्वविद्यालय में पुलिस तैनात कर दी गई थी।

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने संसद में कहा, “आरक्षण प्रणाली समाप्त की जाएगी क्योंकि छात्र इसे नहीं चाहते हैं। छात्रों ने काफी प्रदर्शन कर लिया, अब उन्हें घर लौट जाने दें।” प्रधानमंत्री ने आरक्षण ख़त्म कर दिया है लेकिन उन्होंने कहा कि, “सरकार उन लोगों के लिए नौकरियों में विशेष व्यवस्था करेगी जो विकलांग या अल्पसंख्यक हैं।”

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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