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चुनौतियों से घिरी आप

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आम आदमी पार्टी में घमासान चरम पर है। दिल्ली की सत्ता से लेकर आप के वरिष्ठ नेता प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी से बाहर करने तक की पटकथा जिस तेजी से लिखी गई, वह किसी को भी आश्चर्य में डाल सकता है। दिल्ली में सरकार का गठन हुए बमुश्किल 15 दिन हुए और संगठन में सिर फुटव्वल बेहद तेज हो गया।

पहले पार्टी के आंतरिक लोकपाल एडमिरल रामदास ने पार्टी पर अलोकतांत्रिक होने का आरोप लगाया। उन्होंने एक पद-एक व्यक्ति की मांग बुलंद करते हुए अरविंद केजरीवाल के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम बने रहने पर सवाल उठाया। फिर प्रशांत भूषण ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी को कड़ी चिट्ठी लिखकर पार्टी के कामकाज के तरीकों पर सवाल उठाते हुए एक व्यक्ति पर केंद्रित होने की बात कही। दरअसल पार्टी में वर्तमान में दो गुट काम कर रहे हैं।

एक गुट में प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव हैं तो दूसरे गुट में केजरीवाल समर्थक। केजरीवाल समर्थक ये आरोप लगा रहे हैं कि पार्टी में केजरीवाल को संयोजक पद से हटाने की खुलेआम साजिश रची जा रही है। उन्होंने योगेंद्र यादव पर ये साजिश रचने की बात कही। केजरीवाल समर्थकों का आरोप है कि योगेंद्र ने हरियाणा इकाई को परेशान किया। केजरीवाल के खिलाफ मीडिया में गलत खबरें चलवाईं और दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल को धमकी दी। वह पार्टी छोड़ने की धमकी देकर अपनी शर्तें मनवाते रहे और पार्टी कार्यकर्ताओं का हौसला गिराने का काम करते रहे। ये भी कहा गया कि जानबूझकर आप नेताओं की चिट्ठियां मीडिया को लीक की जाती रहीं। ऐसे में अब योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण पर कार्रवाई करीब-करीब तय है।

दिल्ली में जब आप का उदय हुआ था तो लोगों को नए राजनीतिक विकल्प में काफी संभावनाएं नजर आईं। इसी वजह से केजरीवाल को दोबारा मौका देते हुए भाजपा और कांग्रेस से ऊबे लोगों ने रिकॉर्डतोड़ बहुमत दिया। लेकिन इसके बदले में उन्होंने केजरीवाल के कंधों पर उम्मीदों का पहाड़ भी लाद दिया है। वह चाहते हैं कि केजरीवाल कोई करिश्मा कर उनकी तकलीफों को दूर कर दें। ऐसे में अब पार्टी में बढ़ता बवाल केजरीवाल का ध्यान भटका सकता है। उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि दिल्ली की जनता अब कोई बहाना नहीं सुनेगी। यह भी कहा जाता है कि एक चुनाव से दूसरे चुनाव के बीच का रास्ता बेहद कम समय में तय हो जाता है। ऐसे में केजरीवाल पार्टी को इन झंझावतों से निकालते हुए जनता के हित में काम करें। अब पार्टी के सामने शिखर पर टिकने की चुनौती है और वह वहां पहुंचने से ज्यादा कठिन है।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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