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अन्तर्राष्ट्रीय

सिडनी हमले में 2 लोगों पर आरोप तय

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सिडनी हमले में 2 लोगों पर आरोप तय

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सिडनी हमले में 2 लोगों पर आरोप तय

सिडनी| आस्ट्रेलिया के सिडनी के औद्योगिकी स्थल पर छह घंटे की धर पकड़ के बाद पुलिस ने एक पुरुष और एक महिला पर आरोप तय किए हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, एक बंदूकधारी द्वारा हमले के बाद जब पुलिस ने औद्योगिक स्थल को चारों ओर से घेर लिया तो उसके बाद हमलावर ने खुद को गोली मार ली।

कुछ मीडिया रिपोर्टो में बंदूकधारी का नाम वेन विलियम्स (33) बताया जा रहा है। उसके मोटरसाइकिल गैंग के साथ संबधों की बात भी सामने आ रही है।

पुलिस का कहना है कि एक 52 वर्षीय पुरुष और 30 वर्षीय महिला पर आधी रात में आरोप तय किए गए हैं।

गौरतलब है कि सोमवार को स्थानीय समयानुसार शाम पांच बजे इमारत में बंधक बनाए गए तीन लोगों को सकुशल बाहर निकाला गया।

इस घटना में तीन लोगों को गोली लगने के बाद घटनास्थल पर स्थानीय समयानुसार सुबह 10.45 बजे आपात सेवाओं को बुलाया गया।

न्यू साउथ वेल्स (एनएसडब्ल्यू) के कार्यवाही पुलिस कमांडर मार्क ब्रेट ने सोमवार को कहा, “मृतक 43 वर्षीय शख्स है। दो लोगों को लीवरपुल अस्पताल ले जाया गया है। इन्हें गोलियां लगी हैं।”

आसपास के लोगों के मुताबिक, उन्होंने पांच गोलियों के चलने की आवाजें सुनी।

एक कर्मचारी ने बताया, “पुलिस ने हमें खिड़कियों के पास नहीं जाने की हिदायत दी।”

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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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