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एक साल में ‘जल सुरक्षा’ कानून बनाए केंद्र : राजेंद्र

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भोपाल। देश में नदियों की बदहाली और बढ़ते जल संकट के बीच ‘पानी वाले बाबा’ के नाम से मशहूर और मैगसेसे पुरस्कार विजेता राजेंद्र सिंह इन दिनों देशव्यापी नदी यात्रा पर हैं। राजेंद्र ने बुंदेलखंड प्रवास के दौरान कहा कि सभी लोगों के लिए समान जल अधिकार और जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आज के समय में ‘जल सुरक्षा’ कानून जरूरी हो गया है। उन्होंने यह कानून बनाने के लिए केंद्र सरकार को एक वर्ष का समय दिया है। उनकी यह यात्रा अगले साल गणतंत्र दिवस तक चलेगी। इस दौरान वह देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर ‘जल जन जोड़ो’ अभियान के तहत लोगों में जागृति लाने के लिए कार्यक्रम व संवाद करेंगे।

राजेंद्र ने इस यात्रा के संदर्भ में कहा कि यह यात्रा देश में जल संरक्षण के निमित्त है, क्योंकि जब जल बचेगा, तभी जन बचेंगे। राजेंद्र ने अपने नेतृत्व में देश में ‘जल जन जोड़ो’ अभियान शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य पारंपरिक जल स्रोतों का संरक्षण, नदी पुनर्जीवन और जल संरचनाओं का संरक्षण और संवर्धन है। उनके मुताबिक ‘जल जन जोड़ो’ अभियान का मुख्य उद्देश्य जल के अधिकार को राष्ट्रीय स्तर पर महत्व दिया जाना है। उनकी कोशिश है कि इस अभियान में सरकार से लेकर समाज के जिम्मेदार लोग शामिल हों, ताकि जल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

जल पुरुष के नाम से मशहूर, राजेंद्र ने बताया कि इस अभियान से 1200 से अधिक संस्थाएं और अलग-अलग वर्गों के लोग सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस अभियान को 16 विश्वविद्यालयों से जोड़ा गया है। इनमें आईआईटी मुंबई, आईआईटी बनारस, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी लखनऊ, आईआईटी कर्नाटक, निर्मल निकेतन आदि से तकनीकी सहयोग प्राप्त हो रहा है।
राजेंद्र सिंह, अब तक अपनी नदी यात्रा के तहत कर्नाटक के अलावा महाराष्ट्र, हिमाचल और बुंदेलखंड की यात्रा कर चुके हैं। बुंदेलखंड प्रवास के दौरान उन्होंने चित्रकूट में मंदाकिनी नदी की स्थिति पर चिंता व्यक्त की और कहा कि इस नदी का जल संकट किसी से छिपा नहीं है। नदियों को बचाने और उन्हें प्रदूषण मुक्त रखने की जिम्मेदारी सभी की है। उन्होंने बताया, “इस अभियान के प्रयासों का ही नतीजा रहा कि वर्ष 2014 में हुए आम चुनाव के दौरान विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के घोषणा पत्र में जल के अधिकार के मुद्दे को शामिल किया गया। इस अभियान के तहत वर्ष 2014 में जल सुरक्षा विधेयक का एक प्रारूप भी तैयार किया गया। लोगों को अपने जीवन में गरिमा के साथ आवश्यक मात्रा में गुणवत्तापूर्ण जल की स्थायी उपलब्धता सुनिश्चित करना इस विधेयक का मुख्य प्रावधान है।”

अभियान की आगामी योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर जल सुरक्षा कानून पर साझा बैठक कर राज्यस्तर पर जन सुनवाइयों का आयोजन किया जाएगा। राजेंद्र ने कहा, “जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, वहां के राजनैतिक दलों के घोषणा पत्र में जल कानून को सम्मिलित कराने हेतु विशेष अभियान चलाए जाएंगे। श्रमदान एवं सामूहिक प्रयास से तालाबों एवं नदियों को पुर्नजीवित किया जाएगा।”

गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्तर पर जल सुरक्षा और उपयोगिता के लिए इस अभियान की शुरुआत अप्रैल 2013 में हुई थी। पिछले दो वर्षों में जल विशेषज्ञ, जल मुद्दों पर कार्य करने वाले नागरिक संगठन, नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधि, युवा, शिक्षाविद, वैज्ञानिक और अन्य क्षेत्रों से संबंधित लोग इस अभियान से जुड़ चुके हैं।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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