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आध्यात्म

मुंबई दशहरा रैली में मोदी पर बरसे ठाकरे

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मुंबई, 30 सितंबर (आईएएनएस)| शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे यहां शनिवार को अपनी दशहरा रैली में उम्मीद के विपरीत महाराष्ट्र सरकार पर तो कुछ नहीं बोले, लेकिन वह अपने गठबंधन सहयोगी भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर बरसे। दशहरा रैली में मौजूद विशाल जन समूह को संबोधित करते हुए उद्धव ने विभिन्न मुद्दों पर मोदी सरकार की लगातार आलोचना की।

उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन आर. भागवत द्वारा सुबह दिए गए भाषण का विशेष तौर पर जिक्र करते हुए केंद्र सरकार को म्यांमार के विस्थापित रोहिंग्या मुसलमानों को शरण देने के बारे में केंद्र सरकार को चेतावनी दी।

उन्होंने कहा कि भारत की सुरक्षा पर यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण बयान है और उन्होंने कहा कि बांग्लादेश जैसे मुस्लिम देश ने भी रोहिंग्या मुसलमानों को स्वीकारने से अब इनकार कर दिया है।

ठाकरे ने कहा, मैं बांग्लादेश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि वे हमारी सुरक्षा के लिए भारत में रह रहे लाखों बांग्लादेशियों को वापस ले लें.. हमें उनकी जरूरत नहीं है।

शुक्रवार की भगदड़ में मारे गए मुंबई के 23 लोकल ट्रेन यात्रियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ठाकरे ने बुलेट ट्रेन पर अपना विरोध दोहराया और उपनगरीय रेल नेटवर्क को सुधारने के लिए इसमें धन लगाने का आग्रह किया।

उन्होंने मांग की, मोदी ने अभी तक अच्छे दिन के सिर्फ सपने दिखाए, मगर अपनी नीतियों से देश के नागरिकों को प्रताड़ित करने के सिवा किसी के लिए किया कुछ नहीं। बुलेट ट्रेन मुंबई-अहमदाबाद के बीच क्यों चलनी चाहिए? कश्मीर से कन्याकुमारी या नई दिल्ली से अन्य महानगरों को क्यों नहीं? वे कहते हैं कि हमें यह बुलेट ट्रेन मुफ्त में मिलेगी, तो यदि आपको मुफ्त में मिल रहा है, तो क्या आप कोब्रा भी ले लेंगे?

ठाकरे ने नोटबंदी व हिंदुत्व के एजेंडे से पीछे हटने को लेकर भाजपा पर हमले किए और ईंधन कीमतों में लगातार वृद्धि से बढ़ रही महंगाई, बढ़ती बेराजगारी, ग्रामीण भारत की परेशानियों, युवाओं की समस्या, वंदे मातरम गाने पर दोहरा मापदंड, जम्मू एवं कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर भाजपा की नीतियों पर सवाल खड़े किए।

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आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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