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नक्सल क्षेत्र में ‘गुरु दीदी’ ने जलाई शिक्षा-ज्योति

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सासाराम (बिहार)। बिहार के नक्सल प्रभावित जिले रोहतास में एक महिला पिछले 10 वर्षों से निरक्षर महिलाओं को साक्षर बनाने में जुटी हुई है। शिक्षा का उजियारा फैलाने वाली सुनीता देवी को उनकी शिष्याएं ‘गुरु दीदी’ कहती हैं। वह कविताएं भी रचती हैं और अपनी रचनाओं के जरिए महिलाओं को जागरूक करने का प्रयास करती हैं। सुनीता रोहतास प्रखंड के बकनौरा गांव की रहने वाली हैं। वह निर्धन महिलाओं को साक्षर बनाने के साथ उन्हें स्वावलंबी बनने के लिए भी प्रेरित कर रही हैं।

गुरु दीदी अपनी ‘आदर्श गृहलक्ष्मी मुफ्त विद्यादान योजना’ के तहत गांव की महिलाओं को मुफ्त शिक्षा दे रही हैं। इस कारण गांव वालों ने सुनीता को ‘लक्ष्मी’ नाम से भी पुकारने लगे हैं। बीए पास सुनीता ने बताया कि विवाह के बाद जब वह अपनी ससुराल बकनौरा गांव आईं तब उन्हें महिलाओं का निरक्षर होना खलने लगा। जल्द ही उन्होंने यहां के लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना शुरू किया। सुनीता कहती हैं, “शुरुआत में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन धीरे-धीरे गांव के लोगों को उनकी बात समझ में आने लगी। इसके बाद तो गांव के लोग खुद ही उनकी योजना से जुड़ते चले गए।” वे बताती हैं कि लोगों को खासकर महिलाओं को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के बाद उन महिलाओं को साक्षर बनाने लगी। घर का कामकाज करने के बाद वे महिलाओं को पढ़ाती हैं।

प्रारंभ में तो उसने घर-घर जाकर शिक्षा का अलख जगाया परंतु अब बजाब्ता गांव के ही एक घर में स्कूल खोल रखा है, जहां सुबह-शाम महिलाएं पढ़ने आती हैं। यही नहीं सुनीता महिलाओं और लड़कियों को आत्मरक्षा के प्रति भी जागरूक करती हैं। दुष्कर्म जैसी घटनाओं को लेकर सुनीता ने कई गीत लिखे हैं, जिन्हें गांव के सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं को सुनाया जाता है। सुनीता से शिक्षा ग्रहण कर चुकी 40 वर्षीय सुषमा देवी कहती हैं कि पहले उन्हें अक्षर ज्ञान तक नहीं था परंतु अब प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत बैंक में जो खाता खुलवाई हैं उसमें वे हस्ताक्षर की हैं। उन्होंने खुद बताया कि गांव के लोग मुझे लक्ष्मी भी कहने लगे हैं और जो महिलाएं पढ़ने आती हैं, वे गुरु दीदी कहती हैं।

सुनीता इस वर्ष महिला दिवस (8 मार्च) के मौके पर महिला जागरूकता यज्ञ का भी आयोजन करने जा रही हैं। वैसे सुनीता इन कार्यो के पीछे अपने पति और परिवार के प्रोत्साहन को नहीं भूलतीं। वह कहती हैं कि इन कार्यो में उनके परिवार का अहम योगदान है।

सुनीता के पति रमेश प्रसाद वैद्य भी सुनीता के मन में महिलाओं और लड़कियों के प्रति प्रेम को सम्मान की नजर से देखते हैं। इधर, गांव के आसपास के अन्य गांवों में भी सुनीता के इस कार्य की प्रशंसा हो रही है। बकनौरा पंचायत के मुखिया अवध बिहारी सिंह कहते हैं कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ भले ही यहां की महिलाओं को नहीं मिल रहा हो, लेकिन हमारे गांव की लक्ष्मी की योजना से गांव की महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं।” उन्होंने बताया कि सुनीता से अन्य गांवों के लोग भी ऐसा विद्यालय चलाने का अनुरोध कर रहे हैं।

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केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, ऐसे करें आवेदन

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नई दिल्ली। केंद्रीय विद्यालय संगठन ने शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू कर दी है। अगर आप भी अपने बच्चा का पहली से लेकर 12वीं तक किसी भी क्लास में एडमिशन कराना चाहते हैं तो प्रवेश के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा कर लें। केवीएस ने हाल ही में कक्षा 1 प्रवेश 2024 के लिए आवेदन करने के लिए विशेष रूप से एक नया पोर्टल लॉन्य किया है। जिसपर जाकर आप रजिस्ट्रेशन पूरा कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के लिए केवीएस के पॉर्टल kvsonlineadmission.kvs.gov.in पर विजिट करें। यहां से आप अपने बच्चे का आवेदन पत्र भरकर जमा कर सकते हैं।

केंद्रीय विद्यालय में कक्षा 1 के लिए आवेदन पत्र जमा करने की आखिरी तारीख 15 अप्रैल 2024 रखी गई है जबकि कक्षा 2 और उससे ऊपर की कक्षाओं में प्रवेश के लिए 10 अप्रैल 2024 तक रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। वहीं कक्षा 11 के लिए पंजीकरण प्रक्रिया 10वीं का रिजल्ट आने के 10 दिन बाद शुरू होगी। वहीं केवीएस कक्षा 1 की पहली चयन सूची 19 अप्रैल को जारी की जाएगी।

अगर सीटें खाली रहीं तो दूसरी सूची 29 अप्रैल को जारी की जाएगी। बता दें कि केवीएस ने फरवरी तक सभी नए खुले केंद्रीय विद्यालयों को कक्षा 1 में प्रवेश के लिए रजिस्ट्रेशन ओएलए पोर्टल के माध्यम करने के निर्देश दिए थे जबकि अन्य कक्षाओं के लिए ऑफलाइन मोड में आवेदन करने के निर्देश दिए थे।

अगर आप भी अपने बच्चे का प्रवेश केंद्रीय विद्यालय में कराना चाहते हैं तो रजिस्ट्रेशन के लिए आपके पास कुछ जरूरी दस्तावेज होना आवश्यक है. इसमें भारतीय सिम कार्ड के साथ एक वैध मोबाइल नंबर होना अनिवार्य है। इसके साथ ही एक वैध ईमेल आईडी, बच्चे की एक डिजिटल तस्वीर या स्कैन की गई फोटो, जिसका आकार 256KB होना चाहिए। फोटो JPEG फॉर्मेट में होना जरूरी है. इसका अधिकतम फाइल आकार 256KB की JPEG या PDF प्रारूप में बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र की स्कैन की गई एक प्रति भी जरूरी है. इसके अलावा ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र, माता-पिता का पूरा विवरण होना आवश्यक है।

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