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अन्तर्राष्ट्रीय

शरण की तलाश में पड़ोसी देश चाड चले गए

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संयुक्त राष्ट्र| पूर्वोत्तर नाइजीरिया में पिछले 10 दिनों से जारी हिंसा के बीच 7,300 नागरिक शरण की तलाश में पड़ोसी देश चाड चले गए हैं। संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी के हवाले से संयुक्त राष्ट्र के उप प्रवक्ता फरहान हक ने शुक्रवार को बताया कि हाल में आए नाइजीरियाई नागरिक चाड की राजधानी से 450 किलोमीटर दूर गांवों में स्थानीय समुदाय के लोगों के साथ रह रहे हैं।

बोको हराम के सदस्यों ने तीन जनवरी को पूर्वोत्तर नाइजीरिया के बागा सैन्य अड्डे और कई स्थानीय इलाके पर कब्जा कर लिया, जिस वजह से वहां के लोगों को पड़ोसी देशों में शरण लेनी पड़ी है।

चाड में शरणार्थी एजेंसी की टीम सीमा पर मौजूद है और हाल में आए शरणार्थियों की संख्या और उनकी जरूरत से संबंधित जानकारी इकट्ठा कर रही है।

हक ने कहा कि चाड में नाइजीरिया शरणार्थियों की संख्या 10,000 से अधिक हो गई है।

चाड सरकार ने सहायता एजेंसियों से शरणार्थियों की मदद करने की अपील की है।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, पूर्वोत्तर नाइजीरिया में जारी संघर्ष के कारण 1,35,000 लोग दूसरे देशों में चले गए हैं और 8,50,000 लोग देश में ही विस्थापित हो गए हैं।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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