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राहत फतेह अली लंदन की धर्मार्थ संस्था के एम्बेसेडर

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राहत फतेह अली लंदन की धर्मार्थ संस्था के एम्बेसेडर

लंदन | पाकिस्तानी गायक राहत फतेह अली खान दक्षिण एशिया में गरीबी और इससे जुड़ी समस्याओं से निपटने के लिए गठित संगठन ‘ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट’ के एम्बेसेडर नियुक्त किए जाने पर सम्मानित महसूस कर रहे हैं।

राहत फतेह अली ने रविवार को ट्वीट कर कहा, “धन्यवाद ‘ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट’, आपका एम्बेसेडर नियुक्त किए जाने पर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। प्रिंस चार्ल्स से मुलाकात शानदार रही।”

गायक ने समारोह में अपनी प्रस्तुति का एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें वह अपने चाचा और प्रख्यात गायक नुसरत फतेह अली खान का गीत ‘तेरे बिन जी नहीं लगदा’ गाते नजर आ रहे हैं।

प्रिंस ऑफ वेल्स ने दक्षिण एशिया में गरीबी और इससे जुड़ी समस्याओं से निपटने के लिए 2007 में ‘ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट’ की स्थापना की थी। वह ब्रिटिश एशियाई प्रवासी उद्यमियों से जुड़े और उनकी मदद से इस क्षेत्र की बुनियादी समस्याओं को दूर करने का अभियान शुरू किया।

डिजाइनर मनीष मल्होत्रा और अभिनेत्री सोफी चौधरी समेत कई भारतीय सेलेब्रिटीज भी ट्रस्ट के एम्बेसेडर हैं।

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Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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