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नजीब जंग ने दिल्ली के उप राज्यपाल पद से इस्तीफा दिया

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दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने इस्तीफा दिया

नई दिल्ली | दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ अंतहीन विवादों में उलझे रहने वाले दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग ने गुरुवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया और कहा किवह ‘अपने पहले प्यार’ शिक्षण कार्य की तरफ लौट रहे हैं। एक संक्षिप्त बयान में जंग (66) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का शुक्रिया अदा किया।

बयान के मुताबिक, “उन्होंने उप राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान खुद को मिली हर तरह की मदद व सहयोग के लिए प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा किया है।”

केंद्र में कांग्रेसनीत गठबंधन सरकार के दौरान नजीब जंग नौ जुलाई, 2013 को दिल्ली के उप राज्यपाल बने थे। मोदी सरकार ने कई राज्यों में राज्यपालों को बदलने के बावजूद उन्हें उनके पद पर बरकरार रखा था।

बयान के मुताबिक, “दो वर्षो के साथ के लिए जंग ने दिल्ली के मुख्यमंत्री का भी शुक्रिया अदा किया।”

बयान में कहा गया है कि जंग ने ‘दिल्ली के लोगों को उनके समर्थन व प्रेम’ के लिए धन्यवाद दिया, खासकर एक साल के राष्ट्रपति शासन के दौरान, जिसके बाद फरवरी 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की प्रचंड जीत हुई थी।

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के मध्य प्रदेश कैडर के पूर्व अधिकारी तथा जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति जंग ने अचानक इस्तीफे की कोई वजह नहीं बताई है।

जंग के कार्यकाल के दौरान उनके कार्यालय तथा केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप सरकार के संबंध सदा तनावपूर्ण बने रहे।

दिल्ली के प्रशासनिक नियंत्रण के मुद्दे पर जंग तथा केजरीवाल के बीच सदा ठनी रही।

केंद्र सरकार उपराज्यपाल के माध्यम से दिल्ली पुलिस, कानून व व्यवस्था तथा जमीनों से जुड़े मुद्दों पर नियंत्रण रखती है।

दिल्ली पर प्रशासनिक नियंत्रण का मुद्दा न्यायालय तक पहुंचा। दिल्ली उच्च न्यायालय ने चार अगस्त को फैसला जंग के समर्थन में दिया, जिसके बाद आप सरकार सर्वोच्च न्यायालय पहुंची, जहां यह मुद्दा फिलहाल विचाराधीन है।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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